Cyber Crime : हेलो, हम क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं, आपका बच्चा हिरासत में है

Cyber Crime : हेलो, हम क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं, आपका बच्चा हिरासत में है
बच्चों की आड़ लेकर सायबर ठग परिजनों को मोबाइल पर कर रहे वसूली के लिए काल

Cyber Crime : बैतूल। हेलो…. हम क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं। आपका बेटा दुराचार के मामले में हमारी हिरासत में हैं। लो आप बात कर लो…. दूसरी तरफ से बेटे की हूबहू आवाज में रोते हुए आपसे बात भी कराई जाएगी और इसके बाद बेटे को छोड़ने के एवज में आप से ऑन लाइन पैसा ट्रांसफर करने के लिए कहा जाएगा।

इस तरह की घटनाएं बहुतायत सामने आ रही हैं, लेकिन इससे आपको सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि बच्चों की सलामती के लिए कई माता-पिता घबराहट में साइबर ठगों के झांसे में आकर शिकार भी बन चुके हैं। बैतूल में इस तरह की कई घटनाएं अभी तक सामने आ चुकी हैं, जिनका अभी तक कोई निराकरण नहीं हो सका है। इसलिए बेहतर है कि इस तरह के किसी भी फोन कॉल पर यकीन ना करें, बल्कि इसे बिना डरे नजरअंदाज करना ही आम जन के हित में है।

किसान नेता को ठगने की कोशिश

हाल ही में साइबर ठगों द्वारा अपने आप को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए ठगने का प्रयास किया गया, लेकिन थोड़ी सी समझदारी से वे ठगे जाने से साफ बच गए। किसान नेता रमेश गायकवाड़ ने बताया कि मंगलवार दोपहर उनकी पत्नी के मोबाइल पर एक अननोन नंबर से फोन आया था। उस पर एक इंस्पेक्टर की वर्दी में फोटो लगी हुई थी।

आवाज आई… पापा मुझे बचा लीजिये

उन्होंने बात की तो पूछा गया कि आपके कितने लड़के हैं। उन्होंने बताया कि दो बेटे हैं, एक बेटा इंदौर में सर्विस करता है। तब उन्हें बताया गया कि बेटा 376 के मामले में कस्टडी में है और बेटे से बात करने के लिए दूसरी तरफ से कोई रोते हुए बोला कि पापा आप मुझे बचा लीजिए।

इसके बाद मैं और पत्नी दोनों घबरा गए। उनसे कहा गया कि बेटे को छोड़ दिया जाएगा ऑन लाइन पैसा ट्रांसफर कर दो, लेकिन उनके पास ऑन लाइन पेमेंट की व्यवस्था नहीं होने की जानकारी देते हुए इंदौर ही आने की बात कही गई। दूसरी तरफ से इंदौर ना आने की बात कही गई।

बेटा अपने ऑफिस में था मौजूद

इसी बीच उन्होंने मोबाइल से बेटे को फोन लगाया तो वह आफिस में मौजूद था। इससे उन्हें एहसास हो गया कि यह साइबर ठगों का रुपए एटने का प्लान था। हालांकि उन्होंने बताया कि बेटे की हूबहू आवाज से राशि ट्रांसफर करने वाले थे, लेकिन बेटे से बात करने के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई।

सायबर ठगों के कभी भी आ जाते कॉल

बढ़ते सायबर क्राइम को लेकर आम जनता को उतना ही जागरूक होने की जरूरत है जितना कम्प्यूटर व्यवसायी जितेंद्र पेसवानी है। पेशवानी एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें कभी भी सायबर ठगों के फोन आ जाते हैं। उन्हें वे आसानी के साथ हैंडल भी कर लेते हैं। यही वजह है कि आज तक कोई भी सायबर ठग पेसवानी को झांसे में नहीं ले पाए।

आधा दर्जन से अधिक बार कोशिश

बातचीत में श्री पेसवानी ने बताया कि सायबर ठगों के अभी तक उन्हें आधा दर्जन से ज्यादा कॉल आ चुके हैं। दरअसल उनकी बेटी इंदौर में जब सर्विस पर थी, उसी समय उसके सीबीआई की गिरफ्त में होने को लेकर कॉल आया था। संयोगवश उस समय उनकी बेटी बैतूल में ही थी। अब बिटिया हैदराबाद अध्यनरत है। इसके बाद भी अब तक चार से पांच बार साइबर ठगों के काल उनके पास आ चुके हैं।

उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन  आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। पेसवानी  का कहना है कि सायबर क्राइम से संबंधित इस तरह के फोन काल आम जनता तुरन्त नजर अंदाज करे। खास तौर पर उन लोगों को सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है जिनके बच्चे महानगरों में रहकर पढ़ रहे है या जॉब कर रहे हैं। किसी भी तरह के काल आने पर पहले यह सच्चाई जान ले कि जो आपको बताया जा रहा है उसमें कितनी सत्यता है।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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