CBI ने ऑफिस सुपरिटेंडेंट को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
बैतूल के पाथाखेड़ा में स्थित वेकोलि (WCL) का एक ईपीएफ ऑफिस सुपरिटेंडेंट (EPF Office Superintendent) रिश्वत ( Bribe) लेते रंगे हाथ धराया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की भोपाल से आई टीम ने यह कार्रवाई की। आरोपी कर्मचारी वर्कशॉप मैनेजर (Workshop Manager) की मृत्यु के बाद उनकी भविष्य निधि की राशि स्वीकृत करने यह रिश्वत मांग रहा था। उसे छह हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
पाथाखेड़ा के बगडोना में स्थित रीजनल वर्कशॉप में मैनेजर के पद पर कार्यरत कमल बाथरी की एक महीने पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद उनकी भविष्य निधि की लाखों रुपए की रकम उनके परिवार को दी जानी थी। इस रकम की स्वीकृति के लिए भविष्य निधि कार्यालय अधीक्षक मुरलीधर धनानी 25 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। जिसकी पहली किस्त 6400 रुपए लेते CBI ने धनानी को रंगे हाथ पकड़ लिया। धनानी यह रुपया मृतक कमल बाथरी के डॉक्टर बेटे शिवम बाथरी से ले रहा था। जिसकी शिकायत शिवम बाथरी ने 7 जनवरी को सीबीआई भोपाल से की थी।
एंजल ब्रोकिंग में बुलाया था रुपये लेकर
शिवम की शिकायत पर सोमवार शाम को भोपाल सीबीआई की टीम जांच करने बगडोना पहुँची। कार्यालय में मुरलीधर नहीं मिला। उसने शिवम को एंजल ब्रोकिंग के आफिस आने को कहा। जब शिवम पहुंचा तो पीछे-पीछे सीबीआई दल भी पहुंच गया। जहां 6400 रुपए की रिश्वत लेते सीबीआई की टीम ने मुरलीधर को रंगे हाथ पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि पहले सीबीआई की टीम डब्ल्यूसीएल आफिस पहुँची थी। फिर रीजनल वर्कशॉप और फिर एंजल ब्रोकिंग ऑफिस पहुंच कर कार्रवाई की गई। यह पूरी कवायद शाम 4 बजे से शुरू हुई थी। सीबीआई टीम में डीएसपी एतुल हजेला, इंस्पेक्टर राहुल राज, सतीश बवाल, हिमांशु चौबे और सब इंस्पेक्टर दीप शर्मा शामिल रहे।
शाहपुर स्थित आवास पर भी मारा छापा
सीबीआई की एक टीम ने धनानी के शाहपुर में दुर्गा चौक स्थित मकान पर भी छापा मारकर जांच की। धनानी शाहपुर से रोज पाथाखेड़ा आना जाना करता है। मुरलीधर पहले सतपुड़ा टू खदान में कार्यरत था। शोभापुर कॉलोनी में भी WCL का आवास है। वह ज्यादातर शाहपुर से अप-डाउन करता है। सतपुड़ा-टू खदान बंद होने के बाद से मुरलीधर रीजनल वर्कशॉप में कार्यालय अधीक्षक भविष्य निधि के पद पर कार्यरत है।
भरपूर है वेतन, फिर भी नीयत में खोट
बताते हैं कि मुरलीधर का मासिक वेतन 1 लाख 20 हजार रुपए के लगभग है। सेवानिवृत होने को महज तीन माह बाकी है। उसके बावजूद रिश्वत का मोह नहीं छोड़ पाया। खास बात यह है कि मुरलीधर जिस शिवम बाथरी से रिश्वत ले रहा था। उसी के पिता कमल बाथरी के अधीनस्थ कभी कार्यरत था। अपने अधिकारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी मुरलीधर ने नहीं छोड़ा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसने रिश्वतखोरी से कितनी काली कमाई की होगी।
एक दिन पहले से टीम ने डाल लिया था डेरा
एक दिन पहले ही सीबीआई की टीम ने डब्ल्यूसीएल कार्यालय और रीजनल वर्कशॉप ऑफिस समेत शहर का जायजा ले लिया था। जिस वक्त कार्रवाई की उस समय तक सीबीआई के वाहनों पर बैतूल जिले की नंबर प्लेट लगी थी। रिश्वत लेते ट्रैप करने के बाद वाहनों की नंबर प्लेट बदल दी गई। बताया जा रहा है कि रविवार दिन भर सीबीआई की टीम द्वारा डब्ल्यूसीएल कार्यालय, रीजनल वर्कशॉप और शहर का जायजा लिया गया। इसके बाद सीबीआई की टीम बैतूल रवाना हो गई। रात से दोपहर तक टीम बैतूल में रही। इसके बाद शाहपुर, शोभापुर, बगडोना और रीजनल वर्कशॉप के लिए अलग-अलग टीमें रवाना हुईं। करीब 4 बजे मुरलीधर धनानी के 4 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी।