Betul mandi bhav today: बैतूल जिला महाराष्ट्र का सीमावर्ती जिला है। यही कारण है कि यहां जिला मुख्यालय पर बडोरा में स्थित कृषि उपज मंडी के भाव का खासा महत्व रहता है। यहां के भाव पर केवल जिले के किसानों की ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के किसानों की भी नजर रहती है। भाव में बढ़ोतरी होने पर कई बार वे भी अपनी उपज लेकर यहां पहुंचते हैं।
बैतूल कृषि उपज मंडी में यदि आज 3 मई 2025 के भाव और आवक की बात करें तो आज कल के मुकाबले आवक में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। आज शनिवार को यहां कुल 11122 बोरे की आवक विभिन्न कृषि जिंसों की हुई है। यह कल के मुकाबले ज्यादा है।

मक्का की आवक और भाव (Betul mandi bhav today)
आज सबसे ज्यादा आवक मक्का की हुई है। मक्का की कुल आवक 4603 बोरे हुई है। इसके न्यूनतम भाव 1975 रुपये और अधिकतम भाव 2175 रुपये रहे हैं। वहीं प्रचलित भाव की बात करें तो वह 2094 रुपये रहे हैं।

गेहूं की आवक और भाव (Betul mandi bhav today)
मक्का के बाद सबसे ज्यादा आवक गेहूं की हुई। गेहूं की आवक 3930 बोरे हुई है। इसके न्यूनतम भाव 2380 रुपये और उच्चतम भाव 2634 रुपये रहे। वहीं गेहूं के प्रचलित भाव 2540 रुपये रहे हैं।
सोयाबीन की आवक और भाव (Betul mandi bhav today)
आवक के नजरिए से तीसरे नंबर पर आज सोयाबीन पीला रहा। सोयाबीन की आवक 2387 बोरे रही है। इसके न्यूनतम भाव 3775 रुपये और अधिकतम भाव 4401 रुपये रहे। वहीं सोयाबीन के प्रचलित भाव 4197 रुपये रहे।

चना की आवक और भाव (Betul mandi bhav today)
आज चना की आवक 165 बोरे रही। इसके न्यूनतम भाव 4700 रुपये और अधिकतम भाव 5625 रुपये रहे हैं। वहीं प्रचलित भाव 5250 रुपये रहे। (Betul mandi bhav today)
सरसो की आवक और भाव (Betul mandi bhav today)
बैतूल मंडी में आज सरसो की आवक 30 बोरों की रही। सरसो के न्यूनतम भाव 5380 रुपये और अधिकतम भाव 5850 रुपये रहे। वहीं प्रचलित भाव 5651 रुपये रहे। (Betul mandi bhav today)

तुअर की आवक और भाव (Betul mandi bhav today)
बैतूल मंडी में तुअर की आवक आज सबसे कम रही है। तुअर की आवक केवल 7 बोरे रही। इसके न्यूनतम भाव 3301 रुपये और अधिकतम भाव 6051 रुपये रहे। वहीं प्रचलित भाव 5101 रुपये रहे हैं। (Betul mandi bhav today)
यहां चार्ट में देखें बैतूल मंडी में आज 3 मई 2025 के भाव की जानकारी… (Betul mandi bhav today)

फूलों की खेती और डेयरी व्यवसाय शुरू करते ही आमदनी में हुआ भरपूर इजाफा
आमदनी में इजाफा करने के लिए अब कई किसान परंपरागत खेती छोड़ पशुपालन और उद्यानिकी की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इसका उन्हें लाभ भी मिल रहा है। एक ओर यह नवाचार उनकी आमदनी बढ़ा रहा है तो दूसरी ओर उनके मान सम्मान में भी इजाफा हो रहा है।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के ग्राम आरुल निवासी किसान भूपेंद्र पवार भी अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक कृषि तकनीकों और योजनाओं के माध्यम से एक सफल किसान तथा पशुपालक के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। उनकी यह सफलता उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन और सहयोग से संभव हो सकी है।

शुरू की गेंदे के फूलों की खेती
श्री पवार ने बताया कि वे पूर्व में गेहूं, सोयाबीन जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते थे, लेकिन इससे आय सीमित होती थी। इसके बाद उन्होंने उद्यानिकी विभाग की पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के तहत गेंदे के फूल की खेती करना प्रारंभ किया।
विभाग से प्राप्त हुआ पूरा मार्गदर्शन
विभाग के अधिकारियों से उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शन और सहायता मिली, जिससे उनका उत्साह बढ़ा और परिणामस्वरूप खेती में अच्छे परिणाम प्राप्त हुए। पिछले वर्ष किसान भूपेंद्र पवार ने एक एकड़ में गेंदे के फूल की खेती की, जिससे उन्हें करीब सवा लाख रुपये की आय प्राप्त हुई। इस सफलता से प्रोत्साहित होकर उन्होंने इस वर्ष भी गेंदे की खेती का विस्तार किया है।
डेयरी व्यवसाय में भी सक्रिय
खेती के साथ-साथ भूपेंद्र पवार डेयरी व्यवसाय में भी सक्रिय हैं। वर्तमान में उनके पास चार दुधारू पशु हैं, जिनसे नियमित दूध उत्पादन होता है। इससे भी उन्हें प्रतिदिन अच्छी आय हो रही है। विभाग की इस योजना से अपने जीवन स्तर में सुधार आने पर कृषक श्री पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है।