Kantola Health Benefits, Health Tips: हरी-भरी सब्जियों में अलग-अलग प्रकार पोषक तत्व पाए जाते हैं और सबके अपने एक अलग फायदे हैं। जिनका सेवन से सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। सब्जियों में खासकर विटामिन, मिनरल्स, आयरन, कैल्शियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरे होते हैं। पालक, भिंडी, बैंगन जैसी सब्जियां सभी खाते हैं और बहुत से लोग इनके फायदों से परिचित भी होंगे लेकिन क्या आज जानते है कि एक ऐसी भी सब्जी है, जो चिकन से 50 गुना ज्यादा ताकतवर और प्रोटीन से भरपूर होती है। इस सब्जी के फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इस सब्जी का नाम कंटोला है। कंटोला को आयुर्वेदिक विज्ञान में भी सबसे शक्तिशाली सब्जी माना जाता है। आइए जानते है कंटोला के सेवन करने से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में…
हैवी वर्कआउट (Heavy Workout) करने वाले लोगों, स्पोर्ट्स पर्सन आदि के लिए भी यह सब्जी बेहद लाभदायक है। भरपूर मात्रा में प्रोटीन और आयरन होने के अलावा यह लो-कैलोरी फूड भी है। ऐसे में वजन कम करने के इच्छुक लोगों के लिए भी यह सब्जी खाना बहुत फायदेमंद है। इसके इन्हीं गुणों को देखते हुए इसे औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है। आमतौर पर कंटोला मानसून की शुरुआत में मिलता है लेकिन साल के बाकी महीनों में भी यह थोड़ी मात्रा में उपलब्ध रहता है।
ये है कंटोला
इसे कंटोला या मीठा करेला भी कहते हैं। झारखंड में इसे फेक्सा कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे सबसे ज्यादा ताकत देने वाली सब्जी कहा गया है। यदि इस सब्जी को अपनी नियमित डाइट में शामिल किया जाए तो व्यक्ति का शरीर कुछ ही दिनों में जबरदस्त तंदरूस्त हो जाता है। यह सब्जी खाने से शरीर को न सिर्फ ऊर्जा मिलती है बल्कि इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स सेहतमंद बनाते हैं। वहीं एंटीऑक्सीडेंट खून साफ करते हैं। इससे चर्म रोग समेत कई बीमारियों से बचाव होता है।
कंटोला खाने के हैं ये बेशुमार फायदे (Kantola Health Benefits)
कंटोला एक छोटी कांटेदार दिखने वाली सब्जी है। इसका वैज्ञानिक नाम मोमोरडिका डायोइका (Momordica Dioica) है। इसकी पूरी बेल चिकित्सकीय गुणों से भरपूर होती है। ध्यान दें कि इसका सेवन बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि बचाव का तरीका हाे सकता है। चलिए, अब नीचे विस्तार से कटोला और उसके पत्ते व जड़ से होने वाले फायदों के बारे में जान लेते हैं।
कैंसर से बचाव के लिए कंटोला का उपयोग
कैंसर एक घातक बीमारी है। इससे बचाव करने में कंटोला कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है। शोध में पाया गया कि कंंटोला के अर्क में एंटी कैंसर गुण होता है। रिसर्च के मुताबिक, कंटोले सब्जी के अर्क का इस्तेमाल करने से 50 प्रतिशत तक कैंसर सेल्स को नियंत्रित किया जा सकता है।
टाइप-2 मधुमेह में कंटोला के फायदे
रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने पर मधुमेह की समस्या हो सकती है। इससे कुछ हद तक बचाव करने में कंटोला फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर हुए शोध में पाया गया है कि कंटाेला में एंटीडायबिटिक और हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होते हैं। कंटोला के ये गुण रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम करने व नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में टाइप-2 मधुमेह से बचाव के लिए आहार में इसे शामिल किया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के फायदे
कंटोला में मौजूद मोमोरडीसिन तत्व और फाइबर की अधिक मात्रा शरीर के लिए रामबाण हैं। मोमोरेडीसिन तत्व एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटीज और एंटीस्टे्रस की तरह काम करता है और वजन और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।
त्वचा के लिए कंटोला के फायदे
कंटोला का उपयोग सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च पेपर में जिक्र है कि कंटोला के पत्तों का पेस्ट त्वचा संबंधी रोग को दूर कर सकता है। इसके कच्चे फल यानी टेंडर कंटोला को मुंहासे की समस्या कम करने के लिए जाना जाता है। साथ ही कंटोला के भुने हुए बीज एक्जिमा और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
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कंटोला के नुकसान (Kantola Health Benefits)
कंटोला के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसी वजह से कंटोला का सेवन संयमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। यहां हम इसका अधिक उपयोग करने से होने वाले कंटोला के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
- कंटोला का सेवन रक्त में मौजूद शुगर को कम कर सकता है। लो शुगर की समस्या वाले इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें ।
- इसकी जड़ में गर्भनिरोधक (Spermicidal) और एंटीफर्टिलिटी गुण होता है।
- संभव है कि संवेदनशील लोगों को कंटोला से एलर्जी हो, इसलिए डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन करें।
पकाते समय इन बातों का रखें ध्यान
जिन सब्जियों में नमी अधिक होती है उन्हें बंद ढक्कन वाले पैन में और थोड़ा पानी डालकर पकाना चाहिए ताकि खाना पकाने के दौरान उनकी पानी की मात्रा वाष्पित न हो जाए। आप इन सब्जियों में थोड़ा सा पानी भी मिला सकते हैं। और इन्हें ज्यादा पकाने से बचें। पानी वाली ग्रेवी का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसकी ग्रेवी में संभावित पोषक तत्व वास्तव में मौजूद होते हैं।