Bhagwat Katha : (मुलताई)। नगर के मध्य मां ताप्ती जी के तट पर स्थित श्री राम मंदिर में विगत दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का धूमधाम के साथ समापन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष का वितरण भी किया गया। भंडारा प्रसादी का आयोजन भी हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
पवन कुमार साहू ने बताया कि भगवान श्री कृष्णा और माता रुक्मणी जी का विवाह संपन्न हुआ। दो-दो कृष्ण और रुक्मणी जी की झांकी के साथ रुक्मणी-कृष्ण विवाह हुआ, जिसमे भक्तों ने भावविभोर होकर कथा का रसपान किया। भागवत आचार्य पंडित दीपक जी दुबे के द्वारा भागवत संदेश का प्रसंग सुनाया गया जो कृष्ण ने अर्जुन को दिया था कि कर्म करते चलो और फल की इच्छा मत करो। आपके कर्म ही आपको फल प्रदान करेंगे।
अगर अच्छे कर्म करोगे तो अच्छा फल पाओगे और अगर बुरे कर्म करोगे तो बुरे फल पाओगे। अगर इस जन्म में आपके कर्मों का हिसाब नहीं होता तो अगले जन्म में उन कर्मों का फल आपको भुगतना ही पड़ता है, चाहे वह अच्छे हो या बुरे।
सभी भक्तों ने तल्लीनता के साथ कथा का श्रवण किया। रोजाना ताप्ती तट पर पहुंच रहे सैकड़ों श्रद्धालु जो मां ताप्ती के दर्शन और स्नान के लिए आते हैं, उन्होंने भी ताप्ती तट पर कथा श्रवण करने का लाभ प्राप्त किया।
तत्पश्चात हवन पूजन भंडारा प्रसादी का कार्यक्रम भी हुआ। हजारों श्रद्धालु जो ताप्ती तट पर मां ताप्ती के दर्शन के लिए आए थे, उन्होंने भी प्रसाद का आनंद लिया। उसके पश्चात रुद्राक्ष वितरण भी किया गया जो विगत 7 दिनों से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक श्री राम मंदिर में किया जा रहा था। उन्हें सभी भक्तों को किया गया। सविनय प्रेम पूर्वक व्यवस्थित होकर रुद्राक्ष प्राप्त किए और फिर कथा विसर्जन ताप्ती तट पर किया गया जिसमें भी बहुत से श्रद्धालु उपस्थित थे। कथा समाप्त होने पर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। सभी की आंखें नम हो गई। महाराज श्री ने कहा कि ऐसे ही आयोजनों में सभी भक्त जुड़ते रहे और कथाओं का रसपान करते रहे। सभी को भागवत मंच से आशीर्वाद भी दिया गया।