PM Vishwakarma Scheme: पीएम विश्वकर्मा योजना में यह 18 व्यवसाय शामिल, दो लाख तक मिलेगी सहायता, केबिनेट समिति ने दी मंजूरी

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PM Vishwakarma Scheme: पीएम विश्वकर्मा योजना में यह 18 व्यवसाय शामिल, दो लाख तक मिलेगी सहायता, केबिनेट समिति ने दी मंजूरी
Source: Credit – Social Media

Modi Cabinet Decisions, PM Vishwakarma Scheme (नई दिल्ली)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में देश भर के कारीगरों व शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की घोषणा की है। इस घोषणा के अगले दिन 16 अगस्त को पीएम श्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई। इस बैठक में पांच साल की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) के लिए 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की इस नई योजना “पीएम विश्वकर्मा” को मंजूरी दे दी गई है।

इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करना और बढ़ावा देना है। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों व सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना है कि विश्वकर्मा घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ जुड़ सकें।

योजना के तहत मिलेंगी यह सुविधाएं

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत बाद में कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों व शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।

पहले चरण में यह व्यवसाय किए गए शामिल (PM Vishwakarma Scheme)

पीएम विश्वकर्मा के तहत पहले चरण में अठारह पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया जाएगा। इन व्यवसायों में (i) बढ़ई (सुथार); (ii) नाव निर्माता; (iii) अस्त्र बनाने वाला; (iv) लोहार (v) हथौड़ा और टूल किट निर्माता; (vi) ताला बनाने वाला; (vii) गोल्डस्मिथ (सुनार); (viii) कुम्हार; (ix) मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला); (x) मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर; (xi) मेसन (राजमिस्त्री); (xii) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर; (xiii) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); (xiv) नाई; (xv) माला बनाने वाला; (xvi) धोबी; (xvii) दर्जी और (xviii) मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।

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