अभी तक वैक्सीनेशन कार्य में लापरवाही के छुटपुट मामले तो सामने आ रहे थे, लेकिन अब सामने आए मामले ने लापरवाही की सारी हदें ही पार कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 7 माह पहले दिवंगत हो चुकी एक वृद्धा को वैक्सीन लगाना बता दिया है। बुजुर्ग महिला की मौत हो चुकने के महीनों बाद उन्हें सफलता पूर्वक वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने का मैसेज जब परिजनों को मिला तो परिजन भी अचरज में पड़ गए। यह लापरवाही भी तब की गई जब फोन आने पर स्वास्थ्य कर्मियों को परिजन बता चुके थे कि उनकी मौत हो चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल के सदर इलाके के पटेल वार्ड में रहने वाले प्रमोद तिवारी, आलोक तिवारी की मां श्रीमती केसरबाई अनोखेलाल तिवारी (84) कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव हो गई थीं और 27 अप्रैल को जिला अस्पताल में उनका निधन हो गया था। उनके नाती सागर तिवारी ने बताया कि उनकी दादी को 3 अप्रैल को पहला डोज लगा था और उनका पंजीयन छोटे भाई समीर तिवारी के नंबर से हुआ था। 26 अप्रैल को दादी की तबीयत बिगड़ने पर उनका सैंपल लिया गया और वे कोरोना पॉजिटिव निकलीं। हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया और 27 अप्रैल को उनकी मौत हो गई।

मोबाइल पर आया वैक्सीनेशन का मैसेज
3 दिन पहले समीर के मोबाइल पर मैसेज आया कि उनकी दादी का सेकंड डोज का वैक्सीनेशन सफलतापूर्वक कर दिया गया है। इस मैसेज के बाद भरोसा नहीं हुआ तो कोविन एप पर चेक किया तो उनका प्रमाण पत्र भी जनरेट हो चुका था। इस प्रमाण पत्र के अनुसार उन्हें 10 नवंबर 2021 को प्राइमरी स्कूल रामनगर बैतूल में सेकंड डोज लगाया गया और सेकंड डोज लगाने वाले कर्मचारी का नाम वंदना झरबड़े अंकित किया गया है। सागर का कहना है कि जब दादी की मौत 7 माह पहले हो गई और कुछ दिन पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों के फोन भी सेकंड डोज लगवाने के लिए आए थे तो उन्हें भी बतला दिया था कि उनका निधन हो गया है। इसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही से लगता है कि वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करने के लिए अंधाधुंध कार्य चल रहा है।

यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी। अगर तकनीकी त्रुटि के कारण ऐसा हुआ तो आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और जानबूझकर ऐसी लापरवाही की गई होगी तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। पूरा मामला जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
डॉ. एके तिवारी, सीएमएचओ, बैतूल