सड़क पर उतरे अध्यापक, बोले- पुन: जारी किए जाएं क्रमोन्नति आदेश

  • उत्तम मालवीय, बैतूल © 9425003881
      स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त किए गए लोक सेवकों को क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिलने पर अध्यापक संवर्ग ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है। ऐसे लोक सेवक जिनके द्वारा 12 वर्ष की सेवा 1 जुलाई 2018 अथवा इसके बाद पूर्ण की गई है, उन्हें क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने के संदर्भ में अध्यापक संवर्ग द्वारा आदेश जारी करने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार इन मांगों की ओर गंभीर नहीं है। इस संबंध में शुक्रवार को अध्यापक संवर्ग ने रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा व्यक्त की।

    मुख्यमंत्री को सौंपे आवेदन में अध्यापक संवर्ग के रवि सरनेकर ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा 27 जुलाई 2019 को जारी संदर्भित आदेश (1) के तहत मध्यप्रदेश मे कार्यरत अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग के नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्त किया गया है तथा 12 वर्ष पश्चात होने वाली क्रमोन्नति के लिए अध्यापक संवर्ग में उनके द्वारा की गई सेवा अवधि की गणना करने का स्पष्ट प्रावधान है। श्री सरनेकर ने बताया उक्त आदेश के तहत प्रदेश के कई जिलों में 1 जुलाई 2018 एवं उसके पश्चात 12 वर्ष पूर्ण करने वाले नवीन शिक्षकों के संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा क्रमोन्नत आदेश जारी कर दिये गये थे एवं उन्हें क्रमोन्नत वेतनमान का नकद लाभ भी मिलने लगा था, लेकिन क्रमोन्नत वेतन मिलने के 3 वर्ष बाद 8 मार्च 2021 को आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा जारी संदर्भित आदेश (2) के द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश प्राप्त नहीं होने का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा जारी क्रमोन्नति आदेशों को स्थगित कर दिया गया। इससे संबंधित डीडीओ द्वारा इन शिक्षकों का वेतन पुन: कम कर, बढ़े हुए वेतन की रिकवरी शुरू कर दी गई है। इससे नवीन शिक्षक संवर्ग को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान होने से वे काफी तनाव में हैं। इस स्थिति में अध्यापक संवर्ग ने 1 जुलाई 2018 एवं उसके पश्चात 12 वर्ष पूर्ण करने वाले नवीन शिक्षक संवर्ग की क्रमोन्नति के आदेश तत्काल जारी करने का आग्रह किया है।

    ज्ञापन सौंपने वालों में यह थे शामिल
    ज्ञापन सौंपने में सूर्यभान कवरेती, एसके पाटिल, एसके इवने, दिलीप उईके, जगदीश दौड़के, सुनील बेले, प्रदीप कुमार पांसे, हरिराम चरपे, निकलेश, रवि अतुलकर, कमलेश नागले, सतीश महाजन, जगदीश बिश्नोई, कृष्ण कुमार मन्नासे, मंजूषा मर्सकोले, आजाबराव नागले, रामचंद्र पोटफोड़े, श्यामराव बारंगे, चंदूलाल नागवंशी, बलराम मर्सकोले, शामिनी देव, संगीता माकोड़े, आशा सरनेकर, ममता साहू, प्रमोद कुमार जैन, गणेश धकाते सहित अनेक अध्यापक शिक्षक मौजूद थे।

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