स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने की ग्रेड पे बढ़ाने और नियमितीकरण की मांग
मध्य प्रदेश फार्मासिस्ट एसोसिएशन विगत लंबे समय से फार्मासिस्टों को मिलने वाले कम वेतनमान एवं नियमितीकरण, पृथक फार्मेसी संचालनालय बनाए जाने, पदोन्नति, नए पदों का सृजन आदि समस्याओं के निराकरण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते रहे हैं और शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए धरना प्रदर्शन भी किया गया है। इसके बावजूद अभी तक समस्याओं का निराकरण नहीं होने के कारण संगठन की ओर से नर्मदापुरम संभाग अध्यक्ष केवी वर्मा, बैतूल जिलाध्यक्ष नीलेश उपासे, जिला महामंत्री हेमेन्द्र वर्मा, बैतूल इकाई अध्यक्ष अखिलेश वैद्य एवं संगठन के अन्य पदाधिकारी और फार्मासिस्टों ने बैतूल के विधायक निलय विनोद डागा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। विधायक श्री डागा ने फार्मासिस्टों की मांगों को उचित बताते हुए शासन से समस्याओं के निराकरण कराने का आश्वासन दिया।
ज्ञात हो कि शासन के स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल कॉलेज, जेल विभाग, पुलिस विभाग, राज्य बीमा निगम द्वारा संचालित चिकित्सालयों में शहरों से ग्रामीण स्तर तक लगभग 4000 फार्मासिस्ट कार्यरत हैं और प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों के अभाव के कारण डॉक्टरों के चिकित्सीय दायित्व का पालन भी फार्मासिस्ट द्वारा ही किया जाता है। इसके साथ ही फार्मासिस्ट शासकीय चिकित्सा केंद्रों में दवाइयों का रखरखाव, रोगियों को दवाइयों का वितरण, दवाइयों एवं अन्य उपकरणों के अभिलेखों का संधारण एवं ऑडिट आदि महत्वपूर्ण कार्यों का दायित्व भी निभाते हैं।
इसके बावजूद भी इन्हें पैरामेडिकल स्टाफ के अंतर्गत न्यूनतम ग्रेड पे रुपये 2400 दिया जा रहा है जबकि अन्य राज्यों में कार्यरत फार्मासिस्ट को ग्रेड पे 4200 रुपये या कुछ राज्यों में अधिक भी दिया जा रहा है। कोरोनाकाल में फार्मासिस्टों के कुशल दवा एवं वैक्सीन प्रबंधन को देखते हुए विधायक श्री डागा ने फार्मासिस्टों को 4200 रुपये ग्रेड पे एवं नियमितीकरण को अत्यावश्यक बताया है।