बाहर से आए लोग अभी तक जरूर बैतूल की आबोहवा के मुरीद होकर यहीं हमेशा के लिए बस जाने की तमन्ना रखते आए हैं, लेकिन अब तो बाघों को भी बैतूल की आबोहवा बेहद भा गई है। यही कारण है कि वे बार-बार बैतूल की ओर लौट आते हैं। फिलहाल बैतूल क्षेत्र में एक नहीं बल्कि दो-दो बाघों की मौजूदगी के प्रमाण मिल रहे हैं। इनके ना केवल पगमार्क मिले हैं बल्कि एक तो कैमरे में भी कैद हो चुका है। इसे वन विभाग जिले के लिए खुशखबरी मान रहा है वहीं विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। बैतूल शहर से महज 6 किमी दूर एक नहीं बल्कि दो बाघों की मौजूदगी से वन विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। विभाग के कैमरों में कैद हुई तस्वीरों और इलाके में मिले फुटप्रिंट के बाद विभाग मुस्तैदी बरत रहा है। वैसे लोगों में थोड़ा डर है और विभाग ने भी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

बैतूल रेंज की चिखलार बीट के कैमरों में पिछले दो-तीन दिन से एक बाघ की मौजूदगी की विभागीय अधिकारियों ने पुष्टि की है। वहीं सियारी की तरफ भी उसके फुट प्रिंट मिले हैं। बैतूल वन परिक्षेत्र के प्रभारी अधिकारी विकास सेठ ने बताया कि रेंज के चिखलार इलाके में वन्य प्राणी के मौजूद होने की पुष्टि हुई है। विभाग के कैमरों में उसकी तस्वीर भी कैद हुई है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कैमरे में कैद प्राणी नर है या मादा। उन्होंने बताया कि यहां पहले से ही एक बाघ की मौजूदगी दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में इलाके में अब दो बाघ मौजूद हैं। ऐसे में सभी बीट गार्ड, चौकीदारों के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। अमले को भी सतत निगरानी रखने को कहा गया है। विभाग बैतूल रेंज में 180 कैमरों की मदद से वन्य क्षेत्र में निगरानी रखता है। बताया जा रहा है कि टाइगर की तस्वीरों के अलावा उसके फुटप्रिंट्स भी मिले हैं।

इस संबंध में वन विभाग के बैतूल एसडीओ जीपी कुदारे का कहना है कि 2020 वन्य प्राणी गणना का कार्य चल रहा है। इस दौरान बाघ के पगमार्क मिले हैं। फॉरेस्ट में जो कैमरे लगाए हैं उसमें एक बाघ की फोटो भी आई है। एक ग्रामीण युवा विक्रम सिंह का कहना है कि मुझे मीडिया और अन्य माध्यम से जानकारी मिली कि चिखलार क्षेत्र में शेर का मूमेंट है। इसको लेकर मैंने ग्रामीणों को सतर्क भी किया है और खुद भी सावधानी बरत रहा हूं।