सरकार न पुरानी पेंशन देंगी और ना ही करेगी संविदा कर्मचारियों को नियमित
पुरानी पेंशन, नियमितीकरण सहित अन्य विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष और आंदोलन कर रहे विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों को प्रदेश शासन से ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। कर्मचारी संगठनों और कर्मचारियों को उनकी मांगों पर संजीदगी से विचार करने या मांगें पूरी करने के आश्वासन भले ही मिले हो, लेकिन ऐसा होना नहीं है। यह खुलासा हाल ही में बैतूल विधायक निलय डागा विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों की अलग-अलग मांगों को लेकर विधानसभा में पूछे गए सवालों में हुआ है। विधायक कार्यालय द्वारा इन सवालों और उनके जवाबों और कुछ मुद्दों पर सरकार के रवैये की बिंदुवार जानकारी उपलब्ध कराई गई है जो इस तरह है…
प्रश्न क्रमांक 693: कर्मचारी वर्ग की पुरानी पेंशन बहाली एवं शिक्षकों की वरिष्ठता?
सरकार का जवाब: पुरानी पेंशन बहाली का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
प्रश्न क्रमांक (691): स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के नियमितीकरण, अनुकम्पा नियुक्ति व ब्रम्ह स्वरूप समिति के आधार पर वेतनमान?
सरकार का जवाब: एनएचएम के कर्मचारियों के नियमितिकरण का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रश्न क्रमांक (692): आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता एवं सहायिकाओं का नियमितिकरण?
सरकार का जवाब: सरकार ने कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय सेवकों का दर्जा देने से किया इंकार।
प्रश्न क्रमांक (1135): नगरीय प्रशासन कर्मचारियों का नियमितिकरण?
सरकार का रवैया: वादे से मुकरी, नियमितिकरण को लेकर गोलमोल जवाब। नियमित करने के बजाय आऊटसोर्सिंग पर रखे जा रहे कर्मचारी।
मुद्दा: जीआरएस पंचायत कर्मी व संविदा कर्मियों का नियमितिकरण।
सरकार का जवाब: जीआरएस एवं संविदा कर्मियों को नियमित करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं।