विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए शुरू होगी प्रक्रिया
बैतूल के जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6 वीं में प्रवेश हेतु प्रवेश परीक्षा 27 फरवरी 2022 को आयोजित किया जाना संभावित है। जिसमें आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 5 फरवरी निर्धारित है।
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्रीमती शिल्पा जैन से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु http://www.tribal.mp.gov.in/mptaasc के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विशिष्ट संस्थाओं में प्रवेश हेतु कक्षा 5वीं में अध्ययनरत जनजातीय वर्ग, विशिष्ट पिछड़ी जनजातीय (बैगा, भारिया, सहरिया) गैर अनुसूचित घुमक्कड़ एवं अद्र्ध घुमक्कड़ समुदाय के अलावा वे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को वामपंथी उग्रवाद, कोविड आदि के कारण खो दिया है। तथा विधवा की संतान, दिव्यांग एवं दिव्यांग माता-पिता की संतान अथवा या भूमिदाता (जिन्होंने भवन निर्माण के लिए भूमिदान की हो) एवं ट्रांसजेंडर विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
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प्रदेश में किशोरों के वैक्सीनेशन कार्य में आई गति
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में आज 15-18 वर्ष आयु की श्रेणी के कोविड-19 वैक्सीनेशन में 33 लाख से अधिक डोज़ पूर्ण होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है। मध्यप्रदेश ने इस श्रेणी में कुल लक्ष्य की दो तिहाई से अधिक उपलब्धि अर्जित कर ली है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश अग्रणी रहा है, उसी तरह अब किशोर वर्ग को कोरोना से सुरक्षा देने का कार्य बेहतर रूप से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की सम्पूर्ण जनता को कोरोना से सुरक्षा देने का एक अहम पड़ाव हमने पूर्ण कर लिया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व से आज देशवासियों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध हुई है।
महाअभियान और जन-भागीदारी महत्वपूर्ण
मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए समय-समय पर महाअभियान भी संचालित हुए हैं। इन महाअभियानों में व्यापक जन-भागीदारी देखने को मिली है। यही वजह है कि आज 19 जनवरी की शाम तक 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग में प्रदेश में 33 लाख 60 हजार वैक्सीन डोज पूर्ण हो गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस सफलता के लिए जन-प्रतिनिधि, धर्मगुरू, समस्त फ्रंटलाइन वर्कर्स, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों सहित समस्त जिलों के प्रशासनिक अधिकारी और स्टाफ सदस्य बधाई के पात्र हैं।
राष्ट्रीय औसत से आगे मध्यप्रदेश
देश में वैक्सीनेशन कार्य को एक वर्ष पूर्ण हो गया है। मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन प्रारंभ होने के पहले दिन 16 जनवरी 2020 से ही उत्साहजनक वातावरण का निर्माण किया गया। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने खेतों-खलिहानों तक जाकर वैक्सीनेशन किया। किशोर वर्ग भी वैक्सीनेशन से लाभान्वित हो रहा है। गत 3 जनवरी से प्रारंभ किशोरों के वैक्सीनेशन के कार्य में मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय औसत 50 प्रतिशत के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक उपलब्धि हासिल की है। मध्यप्रदेश ने इस श्रेणी के पात्र किशोरों में से 70 प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन में भी मध्यप्रदेश अन्य प्रदेशों से आगे है। प्रदेश की करीब 7 लाख गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं।
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नगरीय निकायों में ‘‘मास्क ही है जिन्दगी’’ अभियान 20 जनवरी से
भोपाल। मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कोरोना से बचने के लिए नागरिकों को मास्क लगाने के प्रति जागरूक करने के लिए सभी नगरीय निकायों में 20 जनवरी से ‘‘ मास्क ही है जिन्दगी’’ अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। यह अभियान 20 दिन चलेगा। श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवाई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैक्सीनेशन के साथ कोरोना से बचाव के लिए चाक-चौबंद व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की हैं। इसी का परिणाम है कि वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में हैं।
श्री सिंह ने बताया है कि अभियान का उद्देश्य नगरीय क्षेत्रों में मास्क के प्रयोग को बढ़ावा देना है। मास्क को जन-सहयोग से सुलभ तरीके से उपलब्ध कराना और मास्क बैंक स्थापित करना। मास्क को ठीक ढंग से पहनने और उसके सुरक्षित निपटान की जानकारी देना। अभियान में अशासकीय संगठनों, संस्थाओं और युवाओं का सहयोग लिया जायेगा। व्यक्तिगत जनसंपर्क के साथ जागरूकता की विभिन्न गतिविधियाँ की जाएगी। मास्क लगाने वाले को प्रोत्साहन और नहीं लगाने वाले लोगों को समझाइश दी जायेगी। रोको-टोको अभियान चलेगा। विभिन्न प्रचार माध्यमों से मास्क लगाने के फायदे बताये जायेंगे। मास्क नहीं लगाने पर समझाइश के बाद चालानी कार्यवाही भी की जायेगी। मंत्री कार्यालय तथा संचालनालय स्तर पर अभियान की सतत् मॉनिटरिंग की जायेगी।
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स्वच्छ प्रतिष्ठान सर्वेक्षण 26 जनवरी से: मंत्री भूपेन्द्र सिंह
भोपाल। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने और कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग में सभी नगर निगमों को 5-स्टार और अन्य नगरीय निकायों को 3-स्टार दिलाने के लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए 26 जनवरी से ‘‘ स्वच्छ प्रतिष्ठान’’ सर्वेक्षण शुरू किया जायेगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि यह अभियान 15 दिवस चलेगा। श्री सिंह ने सभी सांसद और विधायकों को पत्र लिखकर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के आव्हान के साथ ही प्रदेश में स्वच्छता का संकल्प ले लिया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश स्वच्छता के साथ हर क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। श्री सिंह ने जन-प्रतिनिधियों से अभियान में सक्रिय भागीदारी करने का आग्रह किया है, जिससे अभियान को गति मिले। सर्वेक्षण में चयनित प्रतिष्ठानों को 14 फरवरी 2022 को पुरस्कृत किया जायेगा। श्री सिंह ने बताया है कि शहर में स्थित प्रतिष्ठानों में निजी एवं शासकीय कार्यालय, बैंक, छोटी-बड़ी दुकानें, शो-रूम, अस्पताल, क्लीनिक, होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल आदि शामिल हैं। स्वच्छ शब्दावली में इन्हें बल्क वेस्ट जनरेटर कहा जाता है। इनके बीच ही स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की जायेगी। स्टार रेटिंग के आधार पर इनकी राज्य स्तरीय रैकिंग भी होगी। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिष्ठानों को स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करना है। स्वच्छ प्रतिष्ठान सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणी में रैकिंग होगी। इसमें स्वच्छ पाठशाला, स्वास्थ्य संस्थाएँ, होटल एवं रेस्टोरेंट, कार्यालय, हॉकर्स जोन और स्वच्छ बाजार की श्रेणी शामिल होंगी।
सर्वेक्षण प्रक्रिया में 300 अंकों की होगी रैंकिंग
सभी 407 नगरीय निकायों में स्थित प्रतिष्ठानों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से सूचना दी जायेगी। इनसे ऑनलाइन संवाद कर सर्वेक्षण प्रक्रिया के बारे में बताया जायेगा। प्रतिष्ठानों की रैंकिंग 300 अंकों की होगी, जो तीन माध्यमों से की जायेगी। प्रथम- प्राथमिक जानकारी के लिए एक गूगल लिंक जारी की जायेगी। लिंक में संस्थान जानकारी सबमिट करेंगे। इस जानकारी के आधार पर 100 में से अंक दिये जायेंगे। द्वितीय- निकाय स्तर पर जन-प्रतिनिधियों महिलाओं, बुद्धिजीवियों/अशासकीय संगठनों की एक समिति बनाई जायेगी। समिति प्रतिष्ठानों का भ्रमण कर उन्हें कुल 100 में से अंक देगी। तृतीय- नागरिकों से स्वच्छता के संबंध में फीडबैक/प्रतिक्रियाएँ आमंत्रित की जायेंगी। फीडबैक के आधार पर संस्थान को कुल 100 में से अंक दिये जायेंगे। तीनों माध्यमों से प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर रैंकिंग की जायेगी। रैंकिंग के निकाय स्तरीय परिणामों के आधार पर समस्त श्रेणियों में जिला स्तरीय रैंकिंग की जायेगी।
विजेता प्रतिष्ठान को ‘‘सिम्बल ऑफ क्लीनलीनेस’’ सम्मान
विजेता प्रतिष्ठान को निकाय द्वारा ‘‘सिम्बल ऑफ क्लीनलीनेस’’ सम्मान से नवाजा जायेगा। साथ ही चयनित प्रतिष्ठानों को राज्य स्तरीय टीम के अवलोकन के बाद राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए भी नामांकित किया जायेगा।
रहेगी पूरी पारदर्शिता
पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। समिति के भ्रमण, परिणाम आदि गोपनीय होंगे। नागरिकों से फीडबैक ऑनलाइन लिये जायेंगे। विजेता प्रतिष्ठानों को जन-प्रतिनिधयों की उपस्थिति में सम्मानित किया जायेगा। मंत्री कार्यालय तथा संचालनालय स्तर पर सर्वेक्षण प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जाएगी।