बैतूल के समीप स्थित खेड़ी सांवलीगढ़ में इन दिनों मरु भूमि राजस्थान की संस्कृति के रंग बिखर रहे हैं। राजस्थान की केशर बाई और उनके पति मौजीलाल जब सारंगी की मधुर धुन छेड़ते हैं तो लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। केशर बाई जहां गीतों और भजनों की प्रस्तुति देती हैं तो मौजीलाल सारंगी पर उनका साथ देते हैं।
राजस्थान से आए मौजीलाल और केशरबाई इन दिनों गाँव की गलियों में फेरी लगाकर मधुर स्वरों में भगवान श्री कृष्ण की बाललीला से जुड़े भजन और श्री राम, हनुमान जी के भजन लयबद्ध होकर साथ-साथ गाते है। उनकी प्रस्तुति शुरू होते ही संगीत का समाँ बंध जाता है और सुनने वालों की भीड़ लग जाती हैं।
आज अल सुबह से ही खेड़ी की गलियों और प्रतिष्ठानों में मौजीलाल और केशर बाई की सारंगी और भजनों को सुनने लोगों का हुजूम लगता रहा। लोगों ने उन्हें इनाम देने में भी देरी नहीं की। राजस्थानी संगीत और वह भी मधुर सारंगी की धुन लोगों ने देर तक सुनकर आनंद उठाया। सारंगी बजाने वाले मौजीलाल का कहना है वह 50 वर्षों से यह वादन और गायन कर रहे हैं। उन्हें कई जगह पुरुस्कार भी मिले हैं।