बड़ी खबर: तीन साल की मासूम का अपहरण कर हत्या करने वाले हैवान को आजीवन कारावास

  • उत्तम मालवीय (9425003881)
  • बैतूल। घर के सामने खेल रही मासूम को जंगल में ले जाकर उसकी गला घोंट कर बेरहमी से हत्या करने वाले हैवान को यहां के अनन्य विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक शशिकांत नागले के द्वारा की गई। इस प्रकरण के कारण उस समय खासी सनसनी फैली थी।
    जिले के चिचोली थाना क्षेत्र में 15 मार्च 2020 को ग्राम सेंदूरजना से दोपहर 12 बजे आरोपी विनोद उर्फ टिंकू पिता पारसनाथ साबले (31) निवासी ग्राम दभेरी थाना बैतूल बाजार ने 3 वर्षीय बालिका का अपहरण कर उसे हेलाबर्रा बीट, इमलीडोह सर्किल में ले जाकर गला दबाकर हत्या कर दी थी। बालिका के पिता के द्वारा बालिका के गुमने की प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना चिचोली में दर्ज करवाई गई थी। इसके आधार पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी। विवेचना के दौरान आरोपी को 12 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी के द्वारा दी गई सूचना के आधार पर बालिका की लाश के अवशेष को हेलाबर्रा बीट से दस्तयाब किया गया था। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर यह प्रमाणित हुआ कि उक्त लाश के अवशेष मृतिका के ही थे। विवेचना के उपरांत आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। यहां अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। इसके आधार पर आरोपी को दंडित किया गया।
    इन धाराओं के तहत मिली आरोपी को सजा
    अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम/पॉक्सो एक्ट-2012) एवं विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, बैतूल द्वारा 3 आरोपी विनोद उर्फ टिंकू को धारा 302 के अपराध का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 1000 रुपये के अर्थदंड तथा धारा 363 के अपराध का दोषी पाते हुए 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
    जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित
    प्रकरण को मध्यप्रदेश शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला स्तर पर जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया था। जिला दंडाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रकरण की सतत् मॉनीटरिंग की गई। प्रकरण के विचारण के दौरान जिला अभियोजन टीम द्वारा पैरवीकर्ता अधिकारी शशिकांत नागले को सहयोग प्रदान किया गया।

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