पांच राज्यों के चुनाव को लेकर अध्यापकों की सियासी दलों को बड़ी चेतावनी
सरकार ने 2004 से समस्त विभागों के अधिकारी कर्मचारियो की पेंशन बंद करके नई पेंशन योजना (NPS) लागू की है। इसको लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों में नाराजगी है। कर्मचारियों द्वारा नई पेंशन योजना का विरोध किया जा रहा है। इसलिए पूरे देश मे पुरानी पेंशन बहाली (old pension restoration) के लिए लंबे समय से आंदोलन चल रहा है।
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पुरानी पेंशन बहाली के लिए देश भर में आंदोलन
इसके लिए कर्मचारी और अधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (Old Pension Restoration National Movement) नाम का संगठन बनाया है। इस संगठन ने मांग की है कि नई पेंशन नीति में अधिकारी और कर्मचारियों का हित नहीं देखा गया। नई नीति के तहत सेवानिवृत्त (retired) होने पर नाम मात्र की पेंशन मिलेगी। जिससे रिटायरमेंट के बाद परिवार का गुजारा होना मुश्किल है।
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रविवार को चलाया गया आंदोलन: सरनेकर
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के जिला अध्यक्ष रवि सरनेकर ने बताया कि संगठन ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए रविवार के दिन अपनी मांग को ट्विटर के माध्यम से ट्वीट करने का आंदोलन चलाया है। ट्विटर पर इस आंदोलन से जुड़े लोगों ने ट्वीट किया कि जो पेंशन की बात करेगा वही देश में राज करेगा।
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चुनाव के चलते आंदोलन किया तेज: कटारे
संगठन के कार्यकारी जिला अध्यक्ष राजेंद्र कटारे ने बताया यह आंदोलन पांच राज्यों में हो रहे चुनाव को लेकर तेज कर दिया गया है। इसमें पूरे देश से संगठन से जुड़े सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि अपने घोषणा पत्र (manifesto) में पुरानी पेंशन बहाली को मुख्य रूप से शामिल किया जाए। श्री कटारे ने बताया कि रविवार शाम 5 बजे तक पूरे देश में लाखों ट्वीट किए गए हैं।
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