नहीं खुली मंडी: व्यापारी हो रहे मालामाल और किसान कंगाल
बैतूल जिले के जुआड़ी क्षेत्र में कृषि उपज मंडी खोलने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। वर्ष 1985 में घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में अधिक उपज को लेकर पूर्व मंडी सदस्य रमेश महतो ने मंडी अध्यक्ष से मुलाकात कर घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली जुआड़ी क्षेत्र में मंडी खोलने की मांग की थी परंतु पर्याप्त जमीन नहीं मिलने के कारण वह मंडी शाहपुर में खुल गई।
जुआड़ी में आज तक मंडी नहीं खुल पाई। मंडी नहीं खुलने से इन दिनों क्षेत्र के व्यापारी किसानों की मजबूरियों का फायदा उठाने में ताकत से लगे हुए हैं। किसानों को बोवनी करने के लिए पैसों की आवश्यकता है जिसका पूरा फायदा घोड़ाडोंगरी एवं बैतूल क्षेत्र के व्यापारी उठा रहे हैं। किसानों की फसल धान-मक्का औने-पौने दामों में बेधड़क खरीदी जा रही है। व्यापारियों के ऊपर कोई अंकुश नहीं है। व्यापारी प्रतिदिन लाखों रुपए का माल किसानों से औने-पौने दामों पर खरीद रहे हैं। एक ओर शासन ने धान का समर्थन मूल्य 20 रुपये किलोग्राम के करीब निर्धारित किया है वहीं घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के व्यापारी 10 से 13 रुपये किलो में किसानों से धान की खरीदी कर रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति मक्का को लेकर भी है। किसानों से कम दामों में मक्का की खरीदी की जा रही है। घोड़ाडोंगरी एवं रानीपुर क्षेत्र के साथ ही शाहपुर, पाढर, चोपना वा रानीपुर क्षेत्र के व्यापारी आकर भी किसानों से कम दाम में धान और मक्का की खरीदी कर रहे हैं। इन व्यापारियों ने इतना माल खरीद लिया कि उनके गोदामों में जगह ही नहीं बची तो अब कई जगह खुले में बोरियों की छल्ली लगाकर धान और मक्का की बोरियों को रख रहे हैं। अनाज व्यापारी किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए पूरी ताकत से बेहद कम दाम में करोड़ों का माल खरीद कर रखे हुए हैं। जुआड़ी क्षेत्र के किसान नरेंद्र महतो, राजेश महतो, विशाल महतो, विक्रांत महतो, लखन यादव, उमेश मिश्रा ने बताया कि मंडी खोलने के लिए ग्राम पंचायत जुआड़ी के पास अब पर्याप्त जमीन भी उपलब्ध है। घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के जुआड़ी में यदि मंडी खुल जाती है तो इसका सीधा फायदा आसपास के ग्रामों के लोगों को मिल सकता है। इसमें रानीपुर, आमढाना, महकार, हीरावाड़ी, मयावानी, शोभापुर, चारगांव, रतनपुर, छुरी, सीताकामथ, केरिया, माथनी सहित अन्य ग्राम के किसान इसमें सम्मिलित हैं।