ग्रेट: 42 की उम्र में अपने रक्त से दे चुके 80 लोगों को जीवनदान

  • उत्तम मालवीय, बैतूल © 9425003881
    परोपकार की भावना हो तो व्यक्ति इसके लिए कोई ना कोई रास्ता तलाश ही लेता है। इनमें भी रक्तदान तो एक ऐसा परोपकार है जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा ‘जीवनदान’ दिया जा सकता है। बैतूल के कुछ परोपकारी यही महादान करने में लंबे समय से जुटे हैं। इनमें मोइज फखरी का नाम गर्व से लिया जा सकता है। वे महज 42 वर्ष की उम्र में अभी तक 80 बार रक्तदान कर लोगों को जीवनदान दे चुके हैं। रविवार को उन्होंने अपने जीवन का 80 वां रक्तदान किया। उनका रक्त ग्रुप भले ही दुर्लभ ओ ‘निगेटिव’ हो पर परोपकार को लेकर उनकी सोच बेहद ‘पॉजिटिव’ है। रविवार को एक महिला कुसुम को ओ निगेटिव ब्लड की आवश्यकता पड़ी। इस ग्रुप के रक्तदाताओं की संख्या काफी कम होने के कारण जब परिवार परेशान हुआ तो मसीहा बनकर मोइज फकरी आए और उन्होंने ब्लड देकर महिला की जान बचाई। इस अवसर पर शैलेन्द्र बिहारिया ने कहा कि बैतूल जिले में मोइज फकरी एक ऐसा नाम है जो जरूरत पड़ने पर थैलेसीमिया व सिकलसेल के बच्चों के लिए हमेशा दौड़ पड़ते हैं। वे जिले के एक मात्र निगेटिव रक्तदाता हैं, जिन्होंने 80 बार रक्तदान का आंकड़ा छुआ है। शैलेन्द्र बिहारिया ने कहा कि मोइज जैसे रक्तवीरों के कारण ही जिले में रक्तदान की गंगा बह रही है।

  • उत्तम मालवीय

    मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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