ग्रामीणों में वन्यप्राणी की दहशत: नहीं जा पा रहे खेतों की सिंचाई करने
बैतूल जिले के आमला विकासखंड के ग्राम कोंढरखापा में शनिवार सुबह वन्यप्राणी के पगमार्क दिखने से ग्राम और क्षेत्र में भय का माहौल है। आज हालांकि आज क्षेत्र में कोई मूवमेंट नजर नहीं आया, लेकिन ग्रामीणों में खासा डर बना है और वे खेतों में सिंचाई तक को नहीं जा पा रहे हैं। इससे खेतों के सूखने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
ग्राम कोंडरखापा में वन्यप्राणी के पगमार्क दिखने पर ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। इसके बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। ग्रामीणों के मुताबिक वन परिक्षेत्र के अधिकारी, कर्मचारियों ने वन्यप्राणी के पगमार्क होने की पुष्टि भी की। गौरतलब होगा कि मुलताई क्षेत्र में बाघ होने की जानकारी मिली थी वहीं भैसों पर हमला भी हुआ था। इसके बाद मुलताई आमला क्षेत्र में भय का माहौल हो गया है।
ग्राम कोंडरखापा में पगमार्क मिलने से ग्रामीणों में भय फैल गया है। पंचायत द्वारा ग्राम में मुनादी करा शाम को अंधेरे से पहले सभी को घर मे रहने की सलाह दी जा रही है। वहीं जानवरों को भी अंधेरे से पहले घर मे बांधने का कहा जा रहा है। ग्राम कोंडरखापा के ग्रामीण किसानों के लिए शेर की दहशत परेशानी का सबब बन गया है। जानकारी के मुताबिक कोंडरखापा क्षेत्र में सिंचाई हेतु शाम 5 बजे से बिजली चालू की जा रही है, लेकिन अंधेरा होने के चलते और शेर की दहशत के कारण किसान खेतों में सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक वन्यप्राणी की दहशत खत्म नहीं होती, बिजली विभाग द्वारा खेतों में सिंचाई हेतु दिन में बिजली दी जानी चाहिए, जिससे किसानों की फसलों को नुकसान न हो और आर्थिक तंगी से न जूझना पड़े। इस विषय में वन परिक्षेत्र अधिकारी आरएस उइके ने कहा कि ग्राम कोंडरखापा में पदचिन्ह मिले हैं, लेकिन वह बाघ के ही हैं, यह कहा नहीं जा सकता है।