कोल्ड वेदर में ऐसे करें पेट्रोलिंग और ट्रेनों का सुरक्षित संचालन
शनिवार को आमला रेलवे स्टेशन पर संरक्षा सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें 100 से अधिक रेल कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी कमलेश कुमार थे। सेमिनार की अध्यक्षता सहायक मंडल अभियंता (आमला) एपी सिंह द्वारा की गई। इनके अलावा सहायक मंडल अभियंता (बैतूल) रजनीश कुमार, सहायक मंडल विद्युत अभियंता बलराम कुमार, मंडल संरक्षा सलाहकार पीके हजारा, संजय गोपाले, जीपी नंदनवार, परिवहन निरीक्षक डीके साहू, मुख्य क्रू नियंत्रक अशोक जैन, स्टेशन प्रबंधक वीके पालीवाल, सीनियर सेक्शन इंजीनियर वीके साहू इत्यादि ने भी सेमिनार में कर्मचारियों को संबोधित किया।
सहकर्मी मंडल अभियंता बैतूल रजनीश कुमार ने पेट्रोलमैन कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी उपकरणों के साथ जीपीएस सिस्टम से भी लैस हैं। आपकी एक-एक गतिविधि मोबाइल और कंप्यूटर पर देखी जा सकती है। अतः काम में किसी प्रकार की लापरवाही ना करें और नियमों के अनुसार ट्रैक पेट्रोलिंग करें। ट्रैक में कोई भी गड़बड़ी मिलने पर तत्काल गाड़ियों को रोक कर ट्रैक ठीक करने के लिए उचित कार्रवाई करें। सहायक मंडल अभियंता आमला एपी सिंह ने कहा कि हमारे रेल कर्मचारी सदैव युद्ध स्तर पर कार्य हेतु तत्पर रहते हैं और इसके लिए मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं। उन पर गाड़ियों के सुरक्षित एवं संरक्षित संचालन की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है जिसका वे निर्वाह करते हैं। इस कार्य में किसी प्रकार की चूक ना हो, इसके लिए सभी कर्मचारियों को सदैव सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है।
सहायक विद्युत मंडल अभियंता बलराम कुमार ने कहा कि सभी पेट्रोलिंग कर्मचारी ड्यूटी के दौरान सेफ्टी जैकेट को जरूर पहने ताकि रात में भी वह आसानी से पहचाने जा सके और उन्हें किसी प्रकार की खतरे की संभावना ना हो। सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी कमलेश कुमार ने बड़ी संख्या में उपस्थित कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आमला के रेल कर्मचारी सदैव अपने ज्ञानवर्धन के लिए इच्छुक नजर आते हैं एवं इस प्रकार के कार्यक्रमों में उनकी बड़ी संख्या इसे साबित करती रही है। मैं उनके समर्पण भाव के लिए उन्हें बधाई देता हूं। उन्होंने सभी लोको पायलट से अपील की कि वह गोलाई में जहां लंबी दूरी तक दिखाई ना दे रहा हो वहां लंबी सीटी बजाते रहें ताकि रात्रि में ट्रैक पर पेट्रोलिंग कर रहे कर्मचारी समय से ट्रैक से हट सकें और उन्हें किसी प्रकार की खतरे की संभावना ना हो।
विभिन्न अधिकारी एवं वक्ताओं ने ठंड के मौसम में रेल फ्रैक्चर अथवा वैल्ड फ्रैक्चर क्यों होते हैं, अच्छी वेल्डिंग की पद्धतियां क्या हैं, कोल्ड वेदर पेट्रोलिंग कैसे की जाए, दृश्यता परीक्षण लक्ष्य एवं फाग सिग्नल पोस्ट कहां होते हैं एवं उनका क्या महत्व है, ट्रैक का प्रोटेक्शन कैसे किया जाए, ट्रैक रेल पर जॉइंट करते समय अथवा उसमें ड्रिल करते समय क्या सुरक्षा उपाय किए जाएं, गाड़ियों के बचाव में ट्रैक पर लगाए जाने वाले डेटोनेटर्स का उपयोग कैसे किया जाए, अपनी स्वयं की सुरक्षा कैसे निश्चित की जाए इत्यादि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कर्मचारियों ने भी उत्साह के साथ अपनी जिज्ञासाओं को प्रस्तुत किया जिसका अधिकारियों द्वारा निराकरण भी किया गया।