किशोरी को वेश्यावृति के प्रयोजन से बेचने-खरीदने और दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को 10-10 वर्ष का कठोर कारावास

  • उत्तम मालवीय, बैतूल ©9425003881
    अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल ने नाबालिग युवती को वेश्यावृति के प्रयोजन से बेचने-खरीदने एवं दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को 10-10 साल के कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी एसपी वर्मा एवं विशेष लोक अभियोजक शशिकांत नागले द्वारा पैरवी की गई।
    श्री नागले ने बताया कि इस प्रकरण में तुलसी पिता सुखराम विश्वकर्मा (33) निवासी कुप्पा, पप्पू उर्फ मेद्यराज पिता श्रीराम शर्मा (40) निवासी अन्नायच, जिला भिण्ड एवं अरविंद पिता अशोक कुमार शर्मा (21) निवासी रामजानकी मंदिर के पास ग्राम गढ़ोली चौकी मंगरौनी जिला शिवपुरी को धारा 372, 373 एवं 376 (2) (एन) भादंवि में दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई है। आरोपी तुलसी को धारा 372 भादवि के अंतर्गत नाबालिग युवती को वैश्यवृत्ति के प्रयोजन के लिए बेचने के अपराध में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। आरोपी पप्पू उर्फ मेद्यराज को धारा 373 भादंवि के अंतर्गत नाबालिग युवती को खरीदने के अपराध में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया तथा आरोपी अरविंद को धारा 376 (2) (एन) भादंवि के अंतर्गत नाबालिग युवती के साथ बार-बार दुष्कर्म करने के अपराध में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
    शिवपुरी जिले में हुई थी मामले की शिकायत
    घटना का विवरण इस प्रकार है कि 30 जनवरी 2015 को पीड़िता ने महिला अपराध प्रकोष्ठ थाना शिवपुरी में लिखित शिकायत आवेदन प्रस्तुत कर बताया था कि अभियुक्त तुलसी द्वारा उसे ग्राम कुप्पा से ले जाकर ग्वालियर में बेचने एवं अभियुक्त अरविंद द्वारा उसे खरीदने तथा घर में बंद कर रखकर उसके साथ 20 दिनों तक जबरदस्ती बलात्कार किया गया। पुलिस थाना शिवपुरी में उक्त दिनांक को ही जीरो का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया था तथा उसके धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के कथन कराए गए थे।
    अजाक पुलिस ने पेश किया अभियोग पत्र
    पीड़िता के कथन के आधार पर थाना शिवपुरी में क्षेत्राधिकार नहीं होने के कारण उक्त प्रकरण थाना रानीपुर बैतूल भेजा गया था तथा प्रकरण में पीड़िता के अनुसूची जनजाति वर्ग का होने से प्रकरण थाना अजाक बैतूल में भेजा गया। थाना अजाक बैतूल में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीड़िता के कथन के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। अभियुक्त तुलसी के फरार होने से उसके विरुद्ध न्यायालय के समक्ष विवेचना जारी रखते हुए आरोपी अरविंद एवं पप्पू उर्फ मेद्यराज के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। तत्पश्चात् 11 अगस्त 2018 को अभियुक्त तुलसी के विरुद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया, जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपियों को दण्डित किया गया।

  • Related Articles

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *