कभी देखा नहीं होगा ऐसा जुनून, 92 साल में भी कर रहे पैरवी
सरकार (government) ने सेवानिवृत्ति (retirement) की आयु 60 साल रखी है। लेकिन, हकीकत यही है कि अधिकांश लोगों की कार्यक्षमता 50 के बाद से ही जवाब देने लगती है। वहीं 65-70 वर्ष के बाद तो बीमारियों का अंबार, दवा-गोली और बिस्तर का ही सहारा होता है। इसके विपरीत क्या आप यकीन करोगे कि किसी व्यक्ति ने 66 साल पहले जिस जोश और जुनून के साथ वकालत (advocacy) शुरू की थी, वे आज 92 साल की उम्र में भी उसी जुनून से वकालत कर रहे। आप शायद यकीन ना करें, लेकिन यह एक सच्चाई है।
हम बात कर रहे हैं बैतूल ही नहीं बल्कि प्रदेश के वरिष्ठतम अधिवक्ता राधाकृष्ण गर्ग (92) की। वे अभी भी अपने वकालत के व्यवसाय में सक्रिय हैं और विभिन्न मामलों में न्यायालय में पैरवी करते हैं। कुछ अंतराल के बाद वे जब हाल ही में एक प्रकरण में पैरवी करने न्यायालय (court) में पहुंचे तो सहज ही सभी के आकर्षण व उत्सुकता का केंद्र बन गए। इस उम्र में भी उन्होंने उसी जोश और उत्साह से जिरह की, जैसे सालों पहले करते थे।
उज्जैन जिला न्यायालय से शुरुआत
एक मई 1930 को जन्मे राधाकृष्ण गर्ग अपनी आयु के 92 वर्ष पूर्ण करने की स्थिति में हैं और 1954 से वकालत कर रहे हैं। उज्जैन जिला न्यायालय में 2 वर्ष तक प्रेक्टिस करने के बाद 1956 से बैतूल जिला न्यायालय में वकालत शुरू करने वाले श्री गर्ग आज भी विभिन्न मामलों में पैरवी कर रहे हैं।
लॉ कॉलेज का संचालन भी कर रहे
वर्ष 1980 से राधाकृष्ण गर्ग शहर में लॉ कॉलेज (law collage) का संचालन कर रहे हैं। जिसमें सैकड़ों विद्यार्थी अध्ययन कर विभिन्न जिलों में वकालत कर रहे हैं वहीं अनेक विद्यार्थी न्यायाधीश (judge) भी बन चुके हैं।
रोज करते हैं 3 घण्टे तक अध्ययन
श्री गर्ग ने ‘बैतूल अपडेट’ को बताया कि वे आज भी अपने निवास पर बने कार्यालय की लाइब्रेरी (library) में 3 घंटे कानून की किताबों का अध्ययन (study) करते हैं। और कानून की नई धाराओं से अपडेट (update) रहते हैं।
विधायक समेत कई पदों पर रह चुके
अपने समय में राजनीति में सक्रिय रहे श्री गर्ग मुलताई-आमला विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक (MLA) निर्वाचित हुए थे वहीं 6 वर्ष तक बैतूल नगर पालिका के उपाध्यक्ष के अलावा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक (dccb) बैतूल के निर्वाचित अध्यक्ष रहे हैं। वे प्रतिष्ठित सागर यूनिवर्सिटी में लॉ फेकल्टी (law faculty) के डीन भी रह चुके हैं। कई देशों की विदेश यात्रा (foreign tour) कर चुके राधाकृष्ण गर्ग कानून की कई किताबें (books) भी लिख रहे हैं।