एक दीवाली ऐसी भी… पहले लाई हरियाली, अब रोशनी से किया जगमग
बैतूल। महापर्व दीपावली को सभी अपने-अपने अंदाज में मनाते हैं। कोई इस पर्व पर दीन दुखियों को सहयोग करते हैं तो कोई अपनी समृद्धि का प्रमाण देने लाखों की खरीदी करते हैं, लेकिन जलपुरुष और पर्यावरणविद मोहन नागर ने यह त्यौहार इन सबसे हट कर अनूठे अंदाज में उस सोनाघाटी पहाड़ी के वन को दीपक से रोशन कर मनाया जो गंगावतरण अभियान के तहत तैयार किया गया है। इसके साथ ही उन पारधी परिवारों के साथ भी दीपावली की खुशियां बांटी जो अब इस वन के नए रखवाले हैं। गंगावतरण अभियान के तहत सोनाघाटी की उजाड़ हो चुकी पहाड़ी को श्री नागर के नेतृत्व में हजारों श्रमदानियों ने पहले सालों तक खंतियाँ खोदकर जलयुक्त किया और फिर हजारों पौधे लगाकर हरियाली से लाद दिया है। ऐसे में बेहद परिश्रम से तैयार इस वन में ही श्री नागर ने इस बार की दीवाली मनाने का निर्णय लिया और दीपोत्सव के प्रथम पर्व धनतेरस पर वन में दीपावली मनाई। श्री नागर ने पहले इस नव सृजित वन में वन-धन-तेरस पर्व मनाते हुए दीपक जलाया और सभी श्रमदानियों का इस पावन पर्व पर आभार माना। काली घनेरी रात में घने वन में जब यह दीपक प्रज्ज्वलित हुआ तो चहुँओर जगमग रोशनी हो गई और इस वन का हर वृक्ष मुस्कुरा उठा। इसके साथ ही इस पहाड़ी की तलहटी में बसाए गए पारधी परिवारों के साथ श्री नगर ने दीपावली का आनंद उठाया जो कि इस नव वन के प्रहरी की भूमिका का निर्वहन करेंगे।
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