आमला के बाद शाहपुर में भाजपाइयों ने किया लोकार्पण कार्यक्रम का बायकॉट
बैतूल। यूं तो आज सत्ता के मामले में चहुंओर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा है और प्रधानमंत्री से लेकर पंच तक इसी पार्टी के हैं, लेकिन जिले में भाजपा के ही पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अफसरशाही जरा भी तवज्जो नहीं दे रही है। अमूमन होता यही है कि लोकार्पण और भूमिपूजन जैसे सरकारी आयोजनों की तो रूपरेखा ही सत्ताधारी दल के स्थानीय पदाधिकारियों से सलाह मशविरा करके और उनकी सहमति से ही सब कुछ होता है, लेकिन जिले में तो हाल यह है कि उनसे कुछ पूछना और मशविरा करना तो दूर उन्हें आमंत्रित तक नहीं किया जा रहा है। इसके चलते पार्टी पदाधिकारियों को सरकारी स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों का बहिष्कार तक करने को मजबूर होना पड़ रहा है। दो दिन पहले आमला में और आज शाहपुर में ऐसी स्थिति निर्मित हुई। लगातार हो रही उपेक्षा से पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।
कार्यक्रम में नहीं पहुंचे कोई पदाधिकारी-कार्यकर्ता
शाहपुर में आज 30 बिस्तरों वाले नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का लोकार्पण हुआ। इसमें सांसद डीडी उइके मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, लेकिन खास बात यह रही कि भाजपा के कोई भी स्थानीय या क्षेत्रीय पदाधिकारी इस आयोजन में शामिल नहीं हुए। बताया जाता है कि उन्हें न तो इस आयोजन का आमंत्रण पत्र दिया गया और न ही आमंत्रण पत्र में किसी पदाधिकारी के नाम दिया गया। उन्हें इस बात की नाराजगी अधिक थी कि उन्हें ससम्मान आमंत्रित तक नहीं किया गया। इसके चलते उन्होंने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। इससे पूर्व आमला मोक्षधाम में होने वाले विभिन्न कार्यों के भूमिपूजन कार्यक्रम में भी स्थानीय भाजपा नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया था, जिससे उन्होंने भी उस कार्यक्रम से दूरी बना ली थी। लगातार हो रही भाजपा नेताओं की उपेक्षा के चलते अब वे ही नहीं बल्कि आम लोग भी इस बात को लेकर मंथन करने लगे हैं कि इसकी वजह आखिर क्या है।
आयोजन में रहीं अव्यवस्थाओं की भरमार
शाहपुर में आज हुए आयोजन में अव्यवस्थाओं की भी भरमार रहीं। कार्यक्रम पहले से ही निर्धारित था और यह भी पता था कि कार्यक्रम में शीर्ष जनप्रतिनिधि भी आ रहे हैं। इसके बावजूद आवश्यक व्यवस्थाएं तक नहीं की गई। लोकार्पण का पत्थर तक तैयार नहीं किया गया। ऐसे में फ्लेक्स लगाकर ही नवनिर्मित भवन का पूजन और लोकार्पण करना पड़ा। कार्यक्रम के लिए मंच तक नहीं बनाया गया था। मुख्य अतिथि के आने के बाद मंच बना और इसके चलते कुछ देर उन्हें इंतजार करना पड़ा। लोगों को बैठने के लिए कुर्सियां तक खुद लगानी पड़ी। बार-बार पानी मांगने के बाद आनन-फानन में पानी की बोतलें मंगवाई गईं। इन अव्यवस्थाओं के चलते आयोजन में शामिल हुए लोग भी खफा नजर आए।