अफसर बन कर लौटे गांव के बेटे को ग्रामीणों ने सिर-आंखों पर बिठाया
ग्राम बाकुड़ में उस समय खुशी का माहौल बन गया जब गांव का बेटा जब अफसर बनकर गांव लौट। इससे ग्रामीणों को दोहरी खुशी मिली। एक ओर गांव की दीपावली थी तो दूसरी ओर गांव का बेटा गांव का नाम रोशन कर सेंट्रल कोल फील्ड लिमिटेड रांची झारखंड के रामगढ में ओवरमेंन के पद पर जॉइनिंग लेकर गांव की दीपावली पर पहुंचा। इस पर ग्रामीणों ने होनहार बेटे का भव्य स्वागत किया। गांव के बुजुर्ग, जनप्रतिनिधि और युवाओं ने जोर-शोर से स्वागत किया। एक आदिवासी परिवार में सामान्य घर के गरीब परिवार में जन्म लेने वाले इंजीनियर चैनसिंह मर्सकोले ने पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया। चैन सिंह के माता-पिता ने अशिक्षित होते हुए भी उनकी पढ़ाई-लिखाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। गांव के प्राथमिक शाला से शुरू होकर शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय घोड़ाडोंगरी में आदिवासी छात्रावास में 4 साल रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की। कई मुसीबतों का सामना करते हुए उन्होंने पढ़ाई को महत्व दिया और आज गांव के पहले बेटे की नौकरी लगी। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम बाकुड़ में आज तक कोई बड़े सरकारी पद पर कोई नहीं पहुंच पाया। ग्रामीणों का यह सपना गांव के इंजीनियर चैनसिंह मर्सकोले ने ओवरमेन (माइनिंग अफसर) बनकर कर दिखाया। चैन सिंह के स्वागत के साथ गांव में स्वागत एवं आशीर्वाद रैली निकाली गई। गांव के दीपावली के गोठान पर उनके पिता मानसिंह, माता सुगनती बाई, भाई गणेश का भी साथ में सम्मान किया गया। इंजीनियर चैन सिंह मर्सकोले गांव के उज्जवल ग्राम विकास शक्ति मंडल के मीडिया प्रभारी, बाबा बाकुदेव समिति समिति आदिवासी छात्र संगठन के प्रभारी, ग्राम पंचायत बाजार समिति के सचिव रहे हैं। गांव के धार्मिक-सामाजिक कार्यों में बहुत सक्रिय रहे। उनके स्वागत में छोटू सिंह ऊइके युवा नेता, सरपंच शांति सरजू कुमरे, पूर्व जनपद सदस्य मानू मर्सकोले, मनोज नागवंशी, विनेश कुमरे, रितेश इवने वनरक्षक, राजेंद्र, सज्जुलाल कुमरे, कृष्णकांत नागवंशी, अमित, सोनू प्रमुख रूप से उपस्थित थे।