Success Story: भारत में चाय पीने की एक अनूठी संस्कृति है। चाय (Tea) महज एक पेय पदार्थ से कहीं ज्यादा बढ़कर है। यह रिश्ते जोड़ने का सबसे कारगर जरिया है। यहां एक कप चाय न जाने कितने गिले-शिकवे दूर कर देती है। लेकिन लोगों को चाय पिलाकर कोई करोड़पति भी बन सकता है, ऐसा शायद ही कोई सोचेगा। लेकिन नितिन सलूजा ने अमेरिका में लाखों की नौकरी छोड़कर Chaayos नाम की स्टार्टअप कंपनी (startup company) शुरू कर दी। देखते ही देखते उनकी कंपनी कब करोड़ों की बन गई, उन्हें खुद एहसास नहीं हुआ।
अब नितिन सलूजा चाय कैफे चेन Chaayos के संस्थापक हैं। नितिन सलूजा ने न सिर्फ यह असल में किया है, बल्कि उस चाय की दुकान को आज 2000 करोड़ का बिजनेस (Business) भी बना दिया है। आइए जानते है नितिन सलूजा के पूरे सफर के बारे में…
नितिन सलूजा का परिचय (Success Story)
यह कहानी है नितिन सलूजा कि, जो कि एक बिजनेस फैमिली से आते हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) से मैकेनिकल इंजीनियर (Mechanical Engineer) किया है। ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद उन्होंने अमेरिका की कंपनी में मैनेजमेंट कंसल्टेंट (Management consultant) के तौर पर काम किया। यहां पर 5 साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने फैसला किया कि अब वह खुद का बिजनेस शुरू करेंगे। हांलाकि अच्छी खासी नौकरी छोड़कर भारत आकर स्टार्टअप शुरू करने के आइडिया को उनके पिता ने सपोर्ट नहीं किया। नितिन और उनकी पत्नी को अमेरिका में चाय बेचने वाले नहीं दिख रहे थे। उन्हें ‘अपनी वाली चाय’ की तलाश थी। इसके बाद नितिन ने कैफे खोलने का फैसला किया। नौकरी छोड़ वह भारत वापस आ गए। अपना खुद का टी बिजनस शुरू करने के लिए आइडिया पर काम करने लगे।
चाय की दुकान खोलने का ऐसे आया आइडिया
अमेरिका में रहने के दौरान उन्होंने देखा कि वहां पर एक कप चाय मिलना कितना मुश्किल है। इसी से उन्हें ख्याल आया कि भारत में भी कैफे का कल्चर तो है, लेकिन वहां पर केवल कॉफी मिलती हैं, जबकि चाय के लिए भारत में कैफेज न के बराबर हैं। उस समय से नितिन का मानना था कि यह एक शानदार आइडिया होगा अगर एक ऊंचे दर्जे की चाय की दुकान बनाई जा सके जहां लोग इसकी चुस्कियां लें। उन्होंने यह भी सोचा कि भारत में कॉफी सर्व करने वाले तो बहुत सारे कैफे हैं, लेकिन चाय परोसने वाला एक भी नहीं है।
भारत में चाय पीने की अनूठी संस्कृति है। लोग कई प्रकार की चाय बनाते हैं। इसका फायदा उठाते हुए नितिन ने एक चाय कैफे शुरू करने के बारे में सोचा जो भारत में चाय पीने वालों की जरूरतों को पूरा कर सके। 2012 में नितिन और उनके दोस्त राघव ने चायोस की स्थापना की। उन्होंने गुरुग्राम में अपना पहला कैफे स्थापित किया।
जगह बनाना था मुश्किल
इस स्टार्टअप कारोबार में शुरुआती संघर्ष था। लेकिन, मजबूत धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ नितिन ने कंपनी को सफलता के शिखर पर पहुंचाया। स्टारबक्स, कैफे कॉफी डे, कैफे मोचा और बरिस्ता जैसी कॉफी शॉप्स के प्रभुत्व वाले देश में ‘चायोस’ ने अपने लिए एक अलग नाम बनाया। यह भारत की अग्रणी चाय कैफे कंपनी बन गई। नितिन सलूजा ने देखते ही देखते इसे 100 करोड़ के कारोबार वाली कंपनी बना डाला।
खुद ऑर्डर लेते और सर्व करते
नितिन ने बहुत प्यार और जुनून के साथ चायोस की शुरुआत की। ग्राहकों को ‘मेरी वाली चाय’ सर्व करना शुरू किया। शुरुआती वर्षों के दौरान नितिन को पूंजी के लिए संघर्ष करना पड़ा। वह खुद ऑर्डर लेते थे, चाय बनाते थे और सर्व करते थे। तेजी से विस्तार करते हुए नितिन यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हरेक आउटलेट खास चायोस अनुभव दे। कोविड के दौरान चायोस को वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ा। हालांकि, चाय कारोबार महामारी से बच गया और 2020 में दोबारा रफ्तार में आ गया।
अमेरिका की नौकरी छोड़ खोली चाय की दुकान
नितिन सलूजा का परिवार बिजनेसमैन है और उन्होंने मुंबई आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की, इसके बाद अमेरिका की एक बड़ी कंपनी में मैनेजमेंट कंसलटेंट की नौकरी की। कंपनी में पांच साल नौकरी करने के बाद अचानक नितिन ने लाखों के पैकेज वाली नौकरी से रिजाइन कर दिया और अपना बिजनेस शुरू करने की ठानी और अपने वतन भारत लौट आए।
आज देशभर में सैकड़ों Chaayos
शुरुआती वर्षों की कठिनाई के बाद नितिन की मेहनत का फल मिला और उनकी मेहनत रंग लाती गई और पहले ही साल में उनकी कंपनी ने 30 प्रतिशत की ग्रोथ की। वर्ष 2012 में कंपनी की इमकम 52 करोड़ थी वहीं कंपनी ने 2020 में 100 करोड़ का राजस्व हासिल किया। चायोस स्टोर मुंबई, बेंगलुरु, चंडीगढ़ और पुणे में स्थापित हुए। पूरे भारत में आज 200 से ज्यादा चायोस कैफे हैं। चायोस देश का प्रीमियम चाय सर्व करने वाला कैफे है। यह चाय प्रेमी भारतीयों की चाय पीने की जरूरतों को पूरा करता है। कंपनी का वैल्यूएशन लगभग 40-250 मिलियन डॉलर्स था यानी की भारतीय रुपये के अनुसार 2051 करोड़ रुपए था। कंपनी का 2000 चायोस कैफे खोलने की प्लानिंग है।