Sleeping Competition : दुनिया भर में पैसे कमाने के तरह-तरह के तरीके सुनने को मिलते है। देश का हर कोना वाकई अजब-गजब चीज़ों से भरा हुआ है। कई बार तो इनके बारे में सोचकर ही दिमाग चकरा जाता है। ऐसी ही एक पुरानी कहावत है जो सोवत है वो खोवत है, जो जागत है सो पावत है। लेकिन लगता है कि इस कहावत के मायने अब पुराने हो गए तभी तो सोने वाले अब हमेशा खोते नहीं है बल्कि जागने वालों से कहीं ज्यादा हासिल कर ले जाते हैं।
सिर्फ अनोखे रीति-रिवाज़ ही नहीं होते हैं, अनोखी प्रतियोगिताएं भी इस दुनिया में होती हैं, जो इतनी दिलचस्प हैं कि आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी। एक ऐसी ही प्रतियोगिता हो रही है यूरोप के एक गांव में, जहां सिर्फ प्रतियोगियों को अपने आलस्य की हद दिखानी होती है।
विचित्र प्रतियोगिता है आलसियों के लिए (Sleeping Competition)
यूरोप के उत्तरी मोंटेनेग्रो के रिसॉर्ट गांव ब्रेज़ना में इस अजीबोगरीब प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जो इस वक्त सुर्खियां बटोर रही है। इस प्रतियोगिता को हर साल आयोजित किया जाता है और इसमें सबसे आलसी नागरिक का खिताब पाने के लिए लोग महीने भर तक बिस्तर पर पड़े रहते हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार भी 20 दिन बीत चुके हैं और 7 प्रतियोगियों में से कोई भी उठने को तैयार नहीं है। पिछले साल बना 117 घंटे का रिकॉर्ड टूट चुका है लेकिन कोई उठने को तैयार नहीं है।
विदेश में भी होते हैं ऐसे कॉन्टेस्ट (Sleeping Competition)
भारत में इस तरह के कॉन्टेस्ट बहुत कम आयोजित होते हैं। हालांकि भारत के बाहर बहुत सारी गद्दे बनाने की कंपनी अक्सर ऐसे कॉन्टेस्ट आयोजित कराती रहती हैं। दरअसल गद्दा सोने में कितना आरामदायक है, यह पता लगाने के मकसद से इस तरह के कॉन्टेस्ट की रूपरेखा तैयार की जाती है।
आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपए (Sleeping Competition)
वेकफिट सॉल्यूशन कंपनी के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक कोई भी सामान्य व्यक्ति सोकर 10 लाख रुपए तक की इनाम राशि हासिल कर सकता है। बस आपको 100 दिन तक 9 घंटे सोना होगा।
जान लीजिए नियम (Sleeping Competition)…
इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालों को खाने-पीने-पढ़ने और मोबाइल-लैपटॉप चलाने की आज़ादी होती है। हालांकि उन्हें सारा काम लेटे-लेटे ही करना होता है। प्रतियोगिता में उठना-बैठना और खड़े होना नियमों का उल्लंघन माना जाता है। जो भी ऐसा करता है, उसे तुरंत बाहर कर दिया जाता है। प्रतियोगियों को हर 8 घंटे में 10 मिनट का टॉयलेट ब्रेक दिया जाता है। ये प्रतियोगिता पिछले 12 साल से चल रही है और इसमें जीतने वाले को 1,070 डॉलर यानि भारतीय मुद्रा में करीब 89 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाता है।