बैतूल। घर के पीछे अवैध सागौन की चरपट छिपाकर रखने वाले दो आरोपियों को 6-6 माह का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। इस प्रकरण में दो आरोपियों के फरार होने से उनके मामले में निर्णय नहीं हो पाया है।
न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बैतूल ने इस मामले में आरोपी गोण्डू सिरसाम पिता मन्जू उम्र-42 वर्ष एवं मिठ्ठूलाल सिरसाम पिता ओझा उम्र-60 वर्ष दोनो निवासी ग्राम- ग्वाड़ीढ़ाना, नीमझिरी थाना आमला को सजा सुनाई है। उन्हें धारा 26(1)(ड) भारतीय वन अधिनियम में दोषी पाते हुये 3-3 माह का सश्रम कारावास एवं 2000-2000 रुपए के जुर्माने एवं धारा 5(1)/16 मप्र वनोपज व्यापार विनियम अधिनियम 1969 के अपराध में दोषी पाते हुये 6-6 माह के सश्रम कारावास एवं 4000-4000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया।
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प्रकरण में शासन की ओर से एडीपीओ अजीत सिंह के द्वारा पैरवी की गई। प्रकरण की पैरवी में सहायक ग्रेड-03 शशिकांत सोनारे द्वारा विषेष सहयोग प्रदान किया गया।
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घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 12 अगस्त 2016 को वन परिक्षेत्र रानीपुर बैतूल को मुखबिर सूचना प्राप्त हुई थी कि ग्राम ग्वाड़ीढाना नीमझिरी में अवैध सागौन चरपट छिपाकर रखी हुई है। उक्त सूचना पर वनपरिक्षेत्र रानीपुर द्वारा दल गठित कर सूचना के आधार पर ग्राम ग्वाड़ीढाना नीमझिरी पहुंचे। आसपास क्षेत्र की तलाशी लेने के दौरान 04 लोग भागते हुये दिखाई दिये। उन्हें दौड़कर पकड़ा गया। उनसे नाम पता पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके नाम मिट्ठू, संतोष, गोण्डु एवं सरवन है।
चारों आरोपियों से पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि वे शाजपुर के सरकारी जंगल से सागौन लकड़ी काटकर लाये हैं, जिसे उन्होंने उनके घर के पीछे छिपा कर रखा है।
आरोपियों की उक्त सूचना पर उनके बताये हुये स्थान से चार नग सागौन चरपट बरामद हुई थी, जिन्हें मौके पर ही जप्त कर जप्तीनामा तैयार किया गया। जप्त सागौन की नाप-जोप कर सूचीं तैयार की गई मौके की कार्यवाही का पंचनामा तैयार किया गया तथा वन अपराध 06/45 दर्ज किया गया।
विवेचना उपरांत आरोपियो के विरूद्ध परिवाद पत्र तैयार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी गोण्डु एवं मिट्ठुलाल कोे दंडित किया। प्रकरण में आरोपी संतोष एवं सरवन फरार होने से उनके विरूद्ध निर्णय पारित नहीं किया गया।