Savasan Mata Mandir : दो दशक से आस्था का केंद्र है मां सवासन का मंदिर, पूरी होती है श्रद्धा भाव से मांगी मुराद

Savasan Mata Mandir : दो दशक से आस्था का केंद्र है मां सवासन का मंदिर, पूरी होती है श्रद्धा भाव से मांगी मुरादSavasan Mata Mandir : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में आठनेर ब्लॉक के ग्राम वलनी में स्थित सवासन मां का मंदिर करीब दो दशक से आस्था का बड़ा केंद्र है। सिद्ध पीठ होने के चलते यहां न सिर्फ बैतूल नगर के बल्कि दूरदराज के भी श्रद्धालु पहुंच कर पूजन-अर्चन करते हैं। श्रद्धालुओं के बीच मान्यता है कि मां के इस दरबार में सच्चे मन से मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती हैं। इसके चलते ही नवरात्र पर्व हो या आम दिन यहां श्रद्धालुओं का आवागमन जारी रहता है।

आदिवासी दंपति मंसाराम कुमरे और दमला कुमरे यहां वर्षों से सेवा कर रहे हैं। सबसे पहले इसी दंपति ने यहां मंदिर की नींव रखी थी। भक्त मंशाराम ने बताया कि सवासन माता (Savasan Mata Mandir) का इतिहास काफी पुराना है। वह लगभग 30 वर्षों से मंदिर से जुड़े हैं।

दो दशक से आस्था का केंद्र है मां सवासन का मंदिर, पूरी होती है श्रद्धा भाव से मांगी मुरादवर्ष 2001 में उन्होंने यहां मंदिर निर्माण की नींव रखी थी और बिना किसी के सहयोग से दोनों पति-पत्नी ने मिलकर मंदिर का निर्माण किया था। मंशाराम कुमरे मंदिर की आस्था के बारे में विस्तार से बताते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में सवासन माता के सामने जो भी माथा टेक कर मन्नत मांगता है, माता उसकी मन्नत पूरी करती है।

उन्होंने कई ऐसे उदाहरण बताएं। मंशाराम ने बताया कि वर्षों से नि:संतान दंपतियों की भी माता ने गोद भरी है। मंदिर में भूत पिशाच सहित असाध्याय रोगों से परेशान लोगों को काफी राहत मिलती है।

Savasan Mata Mandir : दो दशक से आस्था का केंद्र है मां सवासन का मंदिर, पूरी होती है श्रद्धा भाव से मांगी मुरादमंशाराम ने बताया कि लगभग 20 वर्ष पूर्व उनकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार हो गई थी, तब उन्होंने माता के दरबार में आकर पत्नी के ठीक होने पर मंदिर निर्माण की मन्नत मांगी थी। माता की कृपा से उनकी पत्नी दमला स्वस्थ हो गई। इसके बाद से ही उनकी सवासन माता के प्रति आस्था गहरी हो गई।

दोनों पति-पत्नी ने मिलकर गरीबी में रहते हुए भी मंदिर निर्माण करना शुरू किया। मंसाराम का आज खुद का घर नहीं है, लेकिन उन्होंने 20 वर्ष पूर्व माता का मंदिर बनाया था। मंसाराम ने बताया कि उस दौर में बहुत कम लोग इस धार्मिक स्थल पर आते थे। उन्होंने मंदिर बनाना शुरू किया और माता के चमत्कारों से लोगों को अवगत कराया तो यहां काफी श्रद्धालु आने लगे।

अनेक लोगों ने यहां मन्नत मांगी और उनकी मन्नतें पूरी भी हुई। मंसाराम ने बताया कि 13 वर्ष से नि संतान दंपति को भी यहां से संतान प्राप्ति हुई है। अधिकांश दंपति यहां संतान प्राप्ति की मन्नत मांगने के लिए आते हैं। मान्यता है कि माता के दरबार में संतान के नाम पर झूला माता के दरबार में भेंट करने से संतान प्राप्ति होती है।

Savasan Mata Mandir : दो दशक से आस्था का केंद्र है मां सवासन का मंदिर, पूरी होती है श्रद्धा भाव से मांगी मुरादवर्ष 2001 से हर वर्ष हो रहा मेले का आयोजन

मंशाराम ने बताया कि वर्ष 2001 से माता सवासन की टेकरी पर कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मेला लगता है, यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर से जुड़कर कई समितियां भी यहां सेवा कार्य कर रही है। सभी के सहयोग से प्रतिवर्ष सफलतापूर्वक मेले का आयोजन किया जाता है यहां लाखों श्रद्धालु भंडारा प्रसादी का लाभ लेते हैं।