Salkanpur Mata Mandir : श्री महाकाल लोक की तर्ज पर सलकनपुर मंदिर का भी होगा विकास, सीएम ने दिए योजना बनाने के निर्देश, होंगे माता के सभी स्वरूपों के दर्शन, जानें इतिहास और महत्‍व

Salkanpur Mata Mandir : श्री महाकाल लोक की तर्ज पर सलकनपुर मंदिर का भी होगा विकास, सीएम ने दिए योजना बनाने के निर्देश, होंगे माता के सभी स्वरूपों के दर्शन
Credit: @salkanpur_temple

Salkanpur Mata Mandir : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने अधिकारियों से कहा है कि सलकनपुर में विजयासन माता (Vijayasan Mata Salkanpur) की कृपा से जो काम चल रहे हैं, उन्हें जारी रखते हुए श्री महाकाल लोक (Shri Mahakal Lok) की तर्ज पर माता के शास्त्र सम्मत सभी स्वरूपों के श्रद्धालु दर्शन कर सकें ऐसा नया प्रस्ताव भी प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शुक्रवार को सलकनपुर मंदिर परिसर (salkanpur Mandir history) का अवलोकन करने के बाद मंदिर के निर्माण और विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिए। इस दौरान सांसद रमाकांत भार्गव, सलकनपुर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय और सदस्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के समक्ष वर्तमान निर्माणाधीन कार्यों का प्रजेंटेशन भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्वान, पंडित और शास्त्रियों से चर्चा की जाए, जिससे सभी कार्य धर्म और विधि सम्मत हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उनका विचार है कि माता के देश भर में स्थापित 52 शक्ति पीठों के चित्र रूप में दर्शन और कथा दीवारों पर उकेरी जाए। इसी तरह माता विजयासन की सभी 6 बहिन और माता के नौ रूप भीत्ति चित्र या अन्य कलात्मक रूप से चित्रित (salkanpur temple images) किये जाएँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिसर में दुर्गा सप्तशती महात्म की कथा भी उकेरी जा सकती है। उन्होंने इस बात का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा कि पूजा पूर्व अनुसार ही विजयासेन माता की ही हो।

Salkanpur Mata Mandir : श्री महाकाल लोक की तर्ज पर सलकनपुर मंदिर का भी होगा विकास, सीएम ने दिए योजना बनाने के निर्देश, होंगे माता के सभी स्वरूपों के दर्शन
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि माता के मंदिर तक श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए पृथक-पृथक मार्ग बनाने के साथ ही रोप-वे से यात्रियों की संख्या और फेरे बढ़ाने के प्रयास किए जाएँ। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पूरे परिसर में होने वाले निर्माण के कुल क्षेत्र की जानकारी संकलित कर दो-तीन सप्ताह में नया प्लान प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में फिर बैठक होगी। सलकनपुर तक के पहुँच मार्ग आदि के लिए भी निर्देश दिए गए। बैठक में वन, संस्कृति, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव एवं सचिव, संभागायुक्त, आईजी सहित अधिकारी मौजूद थे।

सलकनपुर मंदिर का इतिहास – Salkanpur Temple History

hindi.holidayrider.com पर दी गई जानकारी के अनुसार बिजासन माता के भक्त हमेशा से ही यह जानने में बेहद दिलचस्पी दिखाते हैं कि आखिर सलकनपुर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था ? ऐसा बताया जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण कुछ बंजारों द्वारा करवाया गया था। यह बात लगभग 300 साल से ज्यादा पुरानी है, जब एक बार पशुओं का व्यापार करने वाले बंजारे यहां पर रुके थे तो उनके पशू एक दम से गायब हो गए थे। फिर जब बंजारे अपने पशुओं को ढूँढने के लिए निकले तो उन्हें यहां पर एक छोटी लड़की मिली। जब बंजारों ने लड़की से कहा कि उनके पशु गम हो गए हैं तो उसने कहा कि यहां माता के स्थान पर मनोकामना मांग सकते हैं।

लेकिन बंजारों में कहा कि हम नहीं जानते कि यहां पर माता का स्थान कहाँ पर है। तब उस लड़की ने एक पत्थर फेक कर संकेत दिया। उसने जिस जगह पर पत्थर फेका था वहां पर माता के दर्शन हुए। इसके बाद बंजारों ने वहां माता की पूरा कि और कुछ समय के बाद उन्हें अपने गुमे हुए पशू मिल गए। अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद उन बंजारों ने यहां पर मंदिर बनवाया था। इस घटना की खबर जब लोगों को लगी तो यहां बहुत से लोग मन्नत मांगने के लिए आने लगे।

सलकनपुर मंदिर के दर्शन और इतिहास की पूरी जानकारी - Salkanpur Temple Information In Hindi
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सलकनपुर टेम्पल का धार्मिक महत्व 

hindi.holidayrider.com पर दी जानकारी के अनुसार सलकनपुर मंदिर होशंगाबाद से 35 किलोमीटर की दूर पर स्थित है। यहां पर नवरात्री के मौके पर दूर-दूर से पैदल चलकर लोग माता के दर्शन करने के लिए जाते हैं। नवरात्री में यहां एक ही दिन में लाखों भक्त मंदिर में आते हैं। हम आपको बता चुकें हैं कि यह मंदिर 1000 फीट की खड़ी पहाड़ी पर स्थित है जहाँ पर जाने के लिए सीढियां, रोपवे और वाहन मार्ग भी है। लेकिन इसके बाद भी कई भक्त पैदल सीढ़ियों से सलकनपुर वाली बिजासन माता के दर्शन करने के लिए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि बिजासन माता के इस मंदिर में जो भी भक्त मनोकामना मानता है वो कभी खाली नहीं जाती। यहां पहाड़ी के ऊपर बिजासन माता अपने दिव्य रूप में विराजमान है।

विध्यांचल पर्वत विराजमान बिजासन माता को विध्यवासिनी देवी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार बिजासन देवी पार्वती का अवतार हैं। जब देवी ने देवताओं की प्रार्थना पर भयंकर राक्षस रक्तबीज का वध किया था तो देवी का नाम बिजासन पड़ा था। आपको बता दें कि बिजासन देवी की पूजा कई लोग अपनी कुल देवी के रूप में भी करते हैं।

सलकनपुर माता मंदिर vijasan devi mandir mp - YouTube
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सलकनपुर माता के दर्शन करने का समय – Salkanpur Temple Timing 

hindi.holidayrider.com पर दी जानकारी के अनुसार सलकनपुर मंदिर कुछ दशकों में बिजासन माता के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन गया है। आपको बता दें कि मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक खुला रहता है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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