Rice Transplanter Machine: 3 घंटे में 1 एकड़ में धान रोपाई वाली सबसे सस्ती मशीन

Rice Transplanter Machine: 3 घंटे में 1 एकड़ में धान रोपाई वाली सबसे सस्ती मशीन
Source: Credit – Social Media

Rice Transplanter Machine : धान की खेती अगर सस्‍ती मशीन से बिना कोई लागत के हो जाए तो यह किसान के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। जहां किसानों को धान की रोपाई में काफी मेहनत करना पड़ता है। सर्वप्रथम धान की रोपाई से पहले किसानों को नर्सरी बनाना पड़ता है और एक-एक पौधे को रोपने के लिए काफी समय और पैसा भी खर्च होता है। किन्‍तु आज के इस दौर में कृषि यंत्र इतने अत्‍याधुनिक आ गये है जिसके उपयोग से किसान वर्ग का समय और पैसा दोनों ही बच जाएगा।

धान की रोपाई एक जटिल काम (Rice Transplanter Machine)

धान की रोपाई करना किसानों के लिए एक जटिल और शरीर को थकाने वाला काम है, यह देखा गया हैं कि किसानों के द्वारा धान की रोपाई अपने हाथ से करते है जिसमें बहुत समय और मेहनत लगती है। किसानों के लिए धान की रोपाई कृषि यंत्रों में माध्‍यम से उपयोग करना बहूत ही उत्‍तम माना जाता है, आज के इस दौर में खेती के लिए मजदूर नहीं मिलते है क्‍योंकि खेती क सीजनेबल होने के कारण मजदूर वर्ग खेती के कार्य को नहीं करना चाहता है, क्‍योंकि इससे उसकी आय निरंतर नहीं हो पाती है।

3 घंटे में 1 एकड़ में धान रोपाई वाली सबसे सस्ती मशीन

आप इस वीडियो में इस इंसान के द्वारा जो मशीन बनाई गयी उससे किसानों को कितना लाभ मिला है। जहां इस मशीन को चलाने के लिए कोई ईधन और ना ही कोई मजदूर की आवश्‍यकता होती है। एक आदमी इस मशीन को बहुत ही सरल तरीके से चला है। आप इस वीडियो में देख रहें हैं कि यह आदमी कितनी सरलता और सटिक तरीके से धान की रोपाई कर रहा है। इस आविष्‍कार से संबंधित और विस्‍त़त जानकारी के लिए वीडियो को देखते रहे।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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