Neelgay Ka Aatank: खेतों में लगी गेहूं, चने और मटर की फसलें बर्बाद कर रही नीलगाय, किसान परेशान
▪️मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Neelgay Ka Aatank : इस कड़ाके की ठण्ड में भी खेतों में लगी गेहूं, चने, मटर और तुअर की फसलों की रात-दिन सिंचाई करने वाले किसान नीलगाय के झुंड से परेशान हैं। नीलगाय उनकी फसलें चट कर रही है। किसानों ने वन विभाग से उनसे मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है।
दक्षिण वन मंडल (सामान्य) के ताप्ती वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम चिचढाना, सराढ़, हिवरखेड़ी, सिहार एवं बारामहू के किसान ऐसे हैं, जिनके खेत जंगल से सटे हैं।वे वन्य प्राणी नीलगाय और सूअर के झुंडों से अपनी फसलों को बचाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। उनकी कोशिशें वन्य प्राणियों के तेवर के सामने बौने साबित हो रही हैं। जिससे किसान परेशान हैं। (Neelgay Ka Aatank)
हिवरखेड़ी के श्यामजी धुर्वे, रामसिंह उइके एवं रामराव कुंभारे, चिचढाना के किसान देवजी धुर्वे ने बताया कि उन्होंने खेतों में गेहूं, चना, मटर, तुअर की बोवनी की है। फसल तो अच्छी ठण्ड और पानी की सिंचाई से खेतों में लहलहा रही है, लेकिन नीलगायों और जंगली सूअर के झुंडों की खेतों में धमाचौकड़ी कर रहे हैं। इससे हम परेशान हो गए हैं। (Neelgay Ka Aatank)
यह गायों के झुण्ड पहले सूर्यास्त के बाद आते थे। अब वे शाम साढ़े पांच बजे दिन से ही खेतों में मंडराते रहते हैं।जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने वन मंडलाधिकारी को आवेदन पत्र लिखकर इन वन्य प्राणियों से हो रहे फसलों के नुकसान को रोकने उचित कदम उठाये जाने की मांग की है। (Neelgay Ka Aatank)
उन्होंने अपने आवेदन पत्र में लिखा है कि गाए फसल रौंद कर भाग जाती है और उन्हें भगाने पर वह मारने पर उतारू हो जाती है। जिससे किसानों में डर का माहौल बना रहता है। ग्रामीणों ने वन विभाग से उचित कार्यवाही किए जाने की मांग की है। (Neelgay Ka Aatank)
मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।