
▪️राजीव खंडेलवाल, बैतूल
MP Ke Agle CM Kaun : विगत 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव परिणाम की गणना में चुनाव के दौरान बनी अनपेक्षित सामान्य धारणा के विपरीत भाजपा को 163 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत प्राप्त होने के कारण शायद मुख्यमंत्री चुनने में इतना समय लग रहा है।
वैसे ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है। पूर्व में भी इससे भी अधिक समय कई बार मध्य प्रदेश में ही नहीं, अनेक राज्यों में भी मुख्यमंत्री का चुनाव करते समय भाजपा ही नहीं वरन् दूसरी राजनीतिक पार्टियों को भी लगा था। इसलिए इसे वर्तमान में एक सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया ही मानी जानी चाहिए।
भविष्यवाणी नहीं, वास्तविकता (MP Ke Agle CM Kaun)
मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में नरसिंहपुर विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक प्रह्लाद सिंह पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र सिंह तोमर राष्ट्रीय महासचिव, गोपाल भार्गव विधानसभा अध्यक्ष, शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री और प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा केंद्र में से प्रह्लाद पटेल की जगह राज्य मंत्री बनाए जाएंगे। दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। (MP Ke Agle CM Kaun)
यह न तो कोई भविष्यवाणी है और न ही चुने हुए विधायकों का कल आने वाले परिणाम के पूर्व का एग्जिट पोल है। प्रदेश में वर्तमान में उत्पन्न नई राजनीतिक परिस्थितियों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह की बेजोड़ जोड़ी की वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए उनकी सूक्ष्म दूरदृष्टि व माइक्रो मैनेजमेंट को देखते हुए ऐसा होना अवश्यंभावी है। (MP Ke Agle CM Kaun)
प्रह्लाद सिंह पटेल… एक व्यक्तित्व (MP Ke Agle CM Kaun)
प्रह्लाद सिंह पटेल का जन्म 28 जनवरी 1960 को नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में एक किसान परिवार में हुआ है। एमए, एलएलबी तक शिक्षित प्रह्लाद पटेल पेशे से वकील हैं। यद्यपि उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास करके डीएसपी बनने के मौके को ठुकरा दिया था। तथापि वर्ष 1980 में जबलपुर विश्वविद्यालय से छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने जाकर पटेल ने अपना राजनीतिक जीवन प्रारंभ किया था। (MP Ke Agle CM Kaun)
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उन्हें भारतीय जनता मजदूर महासंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। प्रह्लाद पटेल का राजनीतिक सफल जीवन एक तेज-तर्रार निष्कलंक राजनीतिक व्यक्तित्व के रहते मित्रता निभाने व ‘स्पष्ट सोच’ के साथ अपनी बात दृढ़ता से रखने वाले राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में रहा है। (MP Ke Agle CM Kaun)
प्रह्लाद पटेल मध्यप्रदेश की सियासत के एक मंझे हुए और माहिर खिलाड़ी हैं। प्रह्लाद पटेल मां नर्मदा के अनन्य भक्त हैं और दो बार नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं। प्रह्लाद भाई के राजनीति में यदि दोस्त कम है (क्योंकि वे दोस्ती निभाना जानते है) तो दुश्मन उससे भी कम है। (MP Ke Agle CM Kaun)
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मुझे याद आता है, उनके राजनीतिक गुरु स्वर्गीय प्यारेलाल जी खंडेलवाल के आशीर्वाद से वे बहुत ही कम उम्र (मात्र 29 वर्ष की) में ही वर्ष 1989 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे व विजय होकर आए थे। अब तक चार अलग-अलग लोकसभा सीटों सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा और दमोह से चुनाव लड कर जीत चुके हैं। उन्हें सिवनी और छिंदवाड़ा से एक-एक बार हार का सामना भी करना पड़ा। वे वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला मंत्री बनाये गये। (MP Ke Agle CM Kaun)
प्रह्लाद सिंह पटेल ही क्यों (MP Ke Agle CM Kaun)
प्रह्लाद सिंह पटेल, शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय ने लगभग एक ही समय में एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) व युवा मोर्चा में एक साथ राजनीतिक जीवन प्रारंभ किया है। (MP Ke Agle CM Kaun)
राजनीतिक सफर में यद्यपि शिवराज सिंह चैहान प्रह्लाद सिंह पटेल से एक कदम आगे हैं तो केंद्र की राजनीति में प्रह्लाद सिंह पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर से आगे रहे हैं। राज्य की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल से आगे रहे हैं। (MP Ke Agle CM Kaun)
सुश्री साध्वी उमाश्री भारती के बाद वे बुंदेलखंड, महाकौशल क्षेत्र के वरिष्ठ नेता व लोधी वर्ग में गहरी पैठ रखने वाले नेता हैं। तीनों हिन्दी प्रदेशों के हुए विधानसभा के चुनावों में जो राजनीतिक परिस्थितियों जातिगत समीकरण की दृष्टि से बन रही है, उसमें छत्तीसगढ़ में आदिवासी चेहरा को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के शिवराज सिंह की जगह दूसरे पिछड़ा प्रह्लाद सिंह पटेल को बनाया जा रहा है। (MP Ke Agle CM Kaun)
जातिगत समीकरण में अन्य दावेदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक शतरंज की गोटी में फिट नहीं बैठ पा रहे हैं। तथापि प्रधानमंत्री मोदी की अभी तक की कार्यप्रणाली को देखते हुए कोई भी पूर्वानुमान लगाना खतरे से खाली नहीं हैै। अत: एक दूसरे प्रदेश में ‘असंतुष्ट महारानी’ को संतुष्ट करने के लिए यहां पर भतीजे महाराज को संतुष्ट कर दिया जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। (MP Ke Agle CM Kaun)
(लेखक बैतूल के वरिष्ठ कर सलाहकार एवं पूर्व सुधार न्यास अध्यक्ष हैं)
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