MP Cabinet Decisions 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में मंत्रि-परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बुंदेलखंड को औद्योगिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने, सिंचाई प्रबंध को व्यापक करने, सड़क नेटवर्क को उन्नत करने और नौरादेही अभयारण्य में चीता संरक्षण से जुड़ी तैयारियों को गति देने से संबंधित कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए विकासात्मक कदमों का मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और बुंदेलखंड के लिए किए गए निर्णयों को ऐतिहासिक बताया। बैठक में छतरपुर और दमोह के मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ स्वीकृति सहित स्वास्थ्य संस्थानों के उन्नयन पर भी सहमति बनी।
मंत्रि-परिषद ने बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के उद्देश्य से सागर जिले में स्थित मसवासी ग्रंट औद्योगिक क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी प्रदान की। यह पैकेज निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगा, जिससे लगभग 24 हजार 240 करोड़ रुपये तक के निवेश की संभावनाएं बनेंगी। उम्मीद है कि इस क्षेत्र में उद्योगों के स्थापित होने से 29 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। पैकेज में भूमि प्रब्याजी और वार्षिक भू-भाटक की दर मात्र एक रुपये प्रति वर्गमीटर तय की गई है। विकास शुल्क को चुकाने के लिए 20 समान वार्षिक किस्तों की व्यवस्था की गई है, जबकि संधारण शुल्क 8 रुपये प्रति वर्गमीटर वार्षिक निर्धारित किया गया है।
नए उद्योगों को बिजली शुल्क में मिलेगी छूट
निवेश को बढ़ावा देने के लिए स्टाम्प और पंजीयन शुल्क की सौ प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। साथ ही, नए उद्योगों को वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से अगले पांच वर्षों तक बिजली शुल्क में छूट दी जाएगी। बड़े उद्योगों के लिए उद्योग संवर्धन नीति 2025 और निवेश प्रोत्साहन योजना 2025 लागू होंगी, जबकि एमएसएमई वर्ग की इकाइयों के लिए एमएसएमई विकास नीति 2025 और एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2025 के प्रावधानों का पालन होगा। यह पूरा पैकेज पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगा। हालांकि, सीमेंट उद्योगों को इस विशेष पैकेज का लाभ नहीं मिलेगा।
2 हजार 59 करोड़ में बनेगा नया फोरलेन
बैठक में सागर से दमोह तक 76.680 किलोमीटर लंबे मार्ग को फोरलेन में विकसित करने के लिए परियोजना को मंजूरी दी गई। यह निर्माण हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के अंतर्गत किया जाएगा और इसकी कुल लागत 2 हजार 59 करोड़ 85 लाख रुपये तय की गई है। इस लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि शेष 60 प्रतिशत राशि का वहन अगले 15 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा छमाही किश्तों में किया जाएगा। भू-अर्जन और अन्य संबंधित कार्यों के लिए 323 करोड़ 41 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि राज्य बजट से दी जाएगी। इस फोरलेन मार्ग पर 13 अंडरपास, तीन बड़े पुल, नौ मध्यम पुल, एक रेलवे ओवरब्रिज, 13 बड़े और 42 मध्यम जंक्शन बनाए जाएंगे।
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मेडिकल कॉलेजों के आउटसोर्स पदों को मंजूरी
स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार के लिए दमोह, छतरपुर और बुधनी में नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों के संचालन हेतु 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों की मंजूरी दी गई है। प्रत्येक कॉलेज में 330 नियमित पद बनाए जाएंगे और 205 कर्मचारियों को आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त किया जाएगा।
नौरादेही टाइगर रिज़र्व में लाए जायेंगे चीते
वन और संरक्षण संबंधी निर्णयों में मंत्रि-परिषद ने नौरादेही में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व को चीतों के तीसरे ठिकाने के रूप में विकसित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी। वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 28 चीते हैं जबकि गांधी सागर अभयारण्य में दो चीते रह रहे हैं। इसके अलावा जनवरी 2026 में बोत्सवाना से आठ और चीतों के कूनो आने की संभावना है। नौरादेही को चीता संरक्षण के अगले चरण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दमोह जिले में मध्यम सिंचाई परियोजना
दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील में झापन नाला मध्यम सिंचाई परियोजना को 165 करोड़ 6 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना से तेंदूखेड़ा क्षेत्र के 17 गांवों की लगभग 3600 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में 11 जिलों की 12 स्वास्थ्य संस्थाओं को उन्नत करने का निर्णय लिया गया। नीमच जिले में भादवामाता उप स्वास्थ्य केंद्र को 30 बिस्तरों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदला जाएगा। शाजापुर के मक्सी में स्थित छह बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल का रूप दिया जाएगा। उज्जैन के जीवाजीगंज और खंडवा के ओंकारेश्वर स्थित 20 बिस्तरीय सिविल अस्पतालों को 50 बिस्तरों में विस्तारित किया जाएगा।
पन्ना के अजयगढ़, खरगौन के महेश्वर, सिंगरौली के देवसर और रीवा के हनुमना में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 50 बिस्तरों वाले अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा। बैतूल के भीमपुर, सिंगरौली के चितरंगी और अनूपपुर के कोतमा में 30 बिस्तरीय केंद्रों को 100 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल में विस्तारित किया जाएगा। सागर जिले के बीना में 50 बिस्तरीय अस्पताल को बढ़ाकर 100 बिस्तरों का किया जाएगा। इन संस्थाओं के संचालन के लिए 345 नियमित और तीन संविदा पदों का सृजन किया गया है, जबकि 136 कर्मचारियों को आउटसोर्स व्यवस्था से रखा जाएगा। इन सभी कार्यों पर सालाना 27 करोड़ 17 लाख रुपये का व्यय तय किया गया है।
विदेशों में मुहैया कराया जायेगा रोजगार
पिछड़ा वर्ग के 600 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मंत्रि-परिषद ने एक नए प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत दो वर्षों के भीतर इन युवाओं को जापान और जर्मनी में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा राज्य में अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाने और विस्तार देने के लिए 397 करोड़ 54 लाख रुपये की विस्तृत कार्ययोजना को भी स्वीकृति दी गई। इसमें 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र और राज्य दोनों का योगदान शामिल रहेगा। बैठक की शुरुआत वंदेमातरम् के सामूहिक गायन से हुई।
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