▪️ राकेश अग्रवाल, मुलताई
मां ताप्ती की पवित्र नगरी मुलताई के कृषि उपज मंडी परिसर में विगत 6 दिनों से चल रही मां ताप्ती महिमा कथा के समापन अवसर पर शनिवार को भक्तों का जनसैलाब कथा सुनने के लिए उमड़ पड़ा। जिसमें महिलाओं की संख्या अत्यधिक दिखाई दी। वहीं बैतूल विरासत समिति के तत्वाधान में 25 जून को विशाल ध्वज यात्रा का आयोजन किया जाएगा। ग्राम कामथ से निकलने वाली इस यात्रा में क्षेत्र की 100 भजन मंडलियां विशेष आकर्षण होंगी।
शनिवार को कथा के समापन अवसर पर मां ताप्ती महिमा कथा में गीता मनीषी पंडित विश्वमित्र महाराज ने मां ताप्ती के पुत्र कुरु के जन्म की सुंदर कथा सुनाई। जिसमें उन्होंने बताया कि जब मां ताप्ती का विवाह राजा संवरण के साथ हुआ और पहली बार जब मां ताप्ती अपने ससुराल पहुंची तो उन्होंने देखा कि वहां सूखा पड़ा हुआ है, सुख शांति नहीं है, फसलें सूखी हुई है, बारिश नहीं हो रही है।
इसके बाद बारिश कराने के लिए यज्ञ का आयोजन कराया गया, जिसके बाद क्षेत्र में खुशहाली, सुख शांति और हरियाली आई। 9 माह बाद ताप्ती पुत्र का जन्म हुआ। जिसका नाम ऋषियों ने कुरू रखा। उन्होंने बताया कि गुरु का मतलब कर्मशील होता है, और भगवान कुरू ने सबसे पहले धर्म की खेती शुरू की। इससे पूरा क्षेत्र कुरुक्षेत्र के नाम से जाना जाता है। इसके बाद मां ताप्ती नारायण की शरण में चली गयी।
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महाराज जी ने बताया कि मां ताप्ती का जन्म आषाढ़ शुक्ल की सप्तमी दिन रविवार को हुआ था। इस बार ऐसा ही योग फिर से बना है, जो अति महत्वपूर्ण है।
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पंडित विश्वामित्र जी ने बताया कि सूर्यवंश में कोई भी आलस्य से ग्रसित नहीं है। उन्होंने बताया कि आलस्य इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है, यदि आपके अंदर आलस्य है तो उसे ढूंढो और बाहर निकाले। मां ताप्ती का पूजन अर्चन करने से आलस्य दूर होता है और स्फूर्ति ताजगी और विशेषता प्राप्त होती है।
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मां ताप्ती की महिमा कथा के समापन के अवसर पर मुलताई विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे ने भी शिरकत कर कथा का श्रवण किया। इस अवसर पर गायत्री परिवार द्वारा प्रसाद स्वरूप पौधों का वितरण भी भक्तों को किया गया, जिसके उपरांत आरती कर कथा को विराम दिया गया। ताप्ती जन्मोत्सव के दिन रविवार को मां ताप्ती तट के सप्त ऋषि टापू पर हवन के साथ कथा संपन्न होगी।
माँ ताप्ती महिमा कथा प्रचार समिति के राजू पाटणकर, संतोष गुप्ता, राजू देशमुख, राजू पराड़कर, लोकेश यादव, असलम अहमद आदि ने बताया कि मां ताप्ती महिमा कथा का विस्तार करते हुए इस वर्ष पहली बार भव्य आयोजन कराया गया, जिसमें मुलताई वासी ताप्ती भक्तों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ और बड़ी संख्या में भक्त कथा सुनने कथा स्थल पर पहुंचे।
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कथा के शुभारंभ अवसर पर निजी स्कूल संचालकों द्वारा कलश यात्रा में शामिल होने के लिए बसों की सेवाएं उपलब्ध कराई गई थी। कथा के दौरान छः दिनों तक कथा सुनने आने वाले भक्तों के लिए शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था शेख जाकिर द्वारा की गई। नगर के विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा भी अपना भरपूर सहयोग कथा आयोजन में देकर कथा को सफल बनाया गया। कथा के विराम अवसर पर मां ताप्ती की महिमा प्रचार समिति की ओर से समस्त श्रद्धालुओं भक्तों का आभार व्यक्त किया गया।
ग्राम कामथ से निकलेगी विशाल ध्वज यात्रा, बैतूल विरासत समिति माँ ताप्ती को भेंट करेगी धर्म ध्वजा
बैतूल विरासत समिति के तत्वाधान में 25 जून को विशाल ध्वज यात्रा का आयोजन किया जाएगा। क्षेत्र की 100 भजन मंडलियां यात्रा का विशेष आकर्षण होंगी।
कार्यक्रम के आयोजक राजू अनुराग पवार ने बताया कि आज 25 जून आषाढ़ सप्तमी को मुलताई में सृष्टि की प्रथम नदी सूर्य पुत्री मां ताप्ती का जन्म उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा, जिसमें मुलताई विधानसभा क्षेत्र के 101 ग्रामों के मंदिरों से लाए गए ध्वज की भव्य ध्वज यात्रा कामथ से निकाली जाएगी। यात्रा में भजन मंडलियों द्वारा आकर्षक भजनों की प्रस्तुति के साथ हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तों द्वारा मां ताप्ती को ध्वज अर्पित किए जाएंगे। इसके पूर्व नगर में रैली निकाल कर लोगो को मां ताप्ती जन्म उत्सव के दिन ध्वज यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया दिया गया है।
गौरतलब है कि बैतूल विरासत समिति द्वारा विगत कई वर्षों से धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में मां ताप्ती जन्म उत्सव पर विशाल भव्य ध्वज यात्रा का आयोजन किया गया है। श्री पवार ने श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में यात्रा में शामिल होकर धर्म लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है।