
IPS Success Story: IAS-IPS बनने का सपना हर किसी को होता है। कई युवा तो यूपीएससी की परीक्षा के लिए सरकारी नौकरी तक छोड़ देते है साथ ही कड़ी मेहनत करके कामयाबी भी हासिल करते है। कहा जाता है कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। जिसके अगले छोर पर रोशनी मिलेगी या नहीं, इसकी कोई उम्मीद नहीं होती है। कुछ तो जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करते हैं। इनमें से ही एक हैं आईपीएस रोशन कुमार। जिन्होंने नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी की और कई असफलताओं के बाद भी हार नहीं मानी। आइए जानते हैं आईपीएस रोशन कुमार ने नौकरी के साथ कैसे क्रैक किया यूपीएससी….

नौकरी के साथ की UPSC की तैयारी (IPS Success Story)
कॉलेज में दाखिला मिलने के बाद रोशन ने इंजीनियरिंग में बेहतर प्रदर्शन किया और उन्हें कैंपस प्लेसमेंट के जरिये नौकरी मिल गई। लेकिन उनके मन में बचपन से पुलिस सर्विसेज में जाने का सपना था। और इसी सपने को सच करने के लिए उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा देना का फैसला किया। हालांकि ये डगर आसान नहीं थी क्योकि वह नौकरी छोड़ने का जोखिम नहीं ले सकते थे। ऐसे में उन्होंने अपनी 12 घंटो की नौकरी के साथ-साथ ही UPSC की तैयारी करने का फैसला किया।
रोशन कुमार ने खुद जॉब के साथ यूपीएससी के सारे अटेम्प्ट दिए थे। वह बताते हैं कि अगर जॉब के साथ यूपीएससी देना है तो प्रोफेशनल लाइफ के साथ अपनी पढ़ाई को इंटीग्रेट कर लें। यह समझ लें कि वर्किंग प्रोफेशनल होने के चलते आपको अलग से पढ़ने का टाइम नहीं मिलेगा। इसलिए रोने की बजाए जो समय मिले उसका सर्वोत्तम इस्तेमाल करें।

पहले चार प्रयासों में रहे असफल (IPS Success Story)
2014 में रोशन ने पहली बार प्रीलिम्स परीक्षा थी परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ कर तैयारी करने का सोचा परन्तु घर की जिम्मेदारी के चलते ऐसा नहीं किया। 2015 में वह एक बार फिर प्रीलिम्स में असफल रहे। फिर 2016 में प्रीलिम्स क्लीयर हो गया, लेकिन मेन्स की तैयारी सही नहीं थी। मार्कशीट में उन्होंने देखा की वह कट ऑफ से 124 नंबर दूर थे और इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा और उन्होंने बेहतर तरीके से तैयारी करने का फैसला किया। 2017 में उन्होंने एक बार फिर प्रीलिम्स क्लियर कर मेंस की परीक्षा दी परन्तु इस बार भी केवल 12 नंबर से रह गए।

पांचवे प्रयास में पूरा किया आईपीएस बनने का सपना (IPS Success Story)
चार बार असफलता का सामना कर भी रोशन ने हिम्मत नहीं हारी। हर साल वह खुद को मंज़िल के करीब पहुंचाते रहे और अंततः 2018 की UPSC परीक्षा में उन्होंने तीनो चरणों को पार कर 114वीं रैंक हासिल की। जहाँ अधिकांश लोग DAF में आईएएस को अपनी पहली प्राथमिकता रखते हैं, रोशन ने आईपीएस को अपनी पहली पसंद रखा था और उन्हें आईपीएस सेवा के लिए चुना गया।
रोशन ने उम्मीदवारों को दी सलाह (IPS Success Story)
रोशन कहते हैं कि नौकरी वालों को कभी संतुष्टी नहीं होती कि उनकी तैयारी पूरी हो गई है। ऐसे में वे आंसर राइटिंग नहीं करते जोकि इस परीक्षा में सफल होने के लिए बहुत जरूरी है। वे कहते हैं कि खुद को विश्वास दिलाएं कि जितना पढ़ लिया काफी है और आपके पास जो नहीं है उस पर से ध्यान हटाकर जो है उस पर फोकस करें। नौकरी जहां एक तरफ दोगुनी मेहनत करवाती है।
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