IAS vs IPS : जो भी कलेक्टर या SP बनते हैं, उन्हें संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करना होता है। ये परीक्षा बहुत ही कठिन मानी जाती है क्योंकि इसमें सिर्फ 500 से 1000 पद ही खाली होते हैं। उनमें भी जो कलेक्टर या SP बनते हैं, उन्हें और ज्यादा अच्छे नंबर लाने होते हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग IAS को वरीयता देते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या IPS के अधिकार कम होते हैं? अपने जिलें में IAS या आईपीएस कौन ज्यादा पावरफुल होता है? आइए हम ये जानते हैं।
IAS अधिकारी और आईपीएस अधिकारी के काम बिल्कुल अलग-अलग होते हैं। इसी के चलते दोनों के पास अलग-अलग पावर होती है। आईएएस अधिकारी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के नियंत्रण में भी रहते हैं। वहीं आईपीएस डायरेक्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय के नियंत्रण में रहते हैं। एक आईएएस अधिकारी का वेतन आईपीएस ऑफिसर की तुलना में ज्यादा भी हो जाता है। किसी एक क्षेत्र में एक ही आईएएस अधिकारी को अपाइंट किया जाता है, जबकि आईपीएस ऑफिसर की संख्या कम और ज्यादा भी हो सकती है। इस तरह से एक आईएएस अधिकारी का वेतन, पद और अधिकार आईपीएस अधिकारी से बेहतर माने जाते हैं।
ये एक आईपीएस अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वे उसके क्षेत्र में लॉ एण्ड ऑर्डर को सही बनाकर रख सकते हैं। इसके अलावा अपराध की जांच करने का काम भी इन्हीं का होता है। आईपीएस अधिकारी ड्यूटी के दौरान वर्दी में रहते हैं, जबकि किसी आईएएस अधिकारी के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं होता है। ये ऑफिसर फॉर्मल ड्रेस में होते हैं। आईएएस अधिकारी को पोस्ट के आधार पर गाड़ी, बंगला और बॉडीगार्ड जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। वहीं आईपीएस अधिकारी के साथ पूरी पुलिस फोर्स रहती है।
एक साथ होती है आईएएस-आईपीएस की ट्रेनिंग (IAS vs IPS)
IAS अधिकारी और आईपीएस अधिकारी का काम भले ही अलग क्यों न हो, लेकिन फिर भी इन दोनों अधिकारियों की ट्रेनिंग भी कुछ महीने साथ में होती है। इन अधिकारियों को 3 महीने की फाउंडेशन ट्रेनिंग भी दी जाती है। उसके बाद आईपीएस अधिकारी ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भी चले जाते हैं।
मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।