
IAS Success Story (Saurabh Swami) : यूपीएससी परीक्षा देश की उन चुनिंदा परिक्षाओं में से एक है जिसमें आप कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत सफलता हासिल कर सकते हैं। इस परीक्षा में आपके आर्थिक, समाजिक हालात कैसे हैं ये ज्यादा मायने नहीं रखते हैं। आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं वो एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनका परिवार चाय की एक रेहड़ी लगाकर अपना गुजारा करता था। इस आईएएस अधिकारी का नाम सौरभ स्वामी है।
जिन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी परीक्षा में ना सिर्फ सफलता हासिल की बल्कि अच्छी खासी रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी भी बन गए। बेटे की सफलता पर ना सिर्फ उनके पिता बहुत खुश हैं बल्कि उनके गांव में खुशी का जश्न मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं सौरभ स्वामी ने कैसे यूपीएससी परीक्षा में आर्थिक चुनौतियों और बुनियादी जरूरतों का सामना करते हुए सफलता हासिल की।
सौरभ स्वामी की शिक्षा | IAS Saurabh Swami Education
सौरभ स्वामी ने अपनी शुरुआती शिक्षा भिवानी जिले के दादरी कस्बे के एपीजे स्कूल से प्राप्त की. स्कूल की शिक्षा पूरी होने पर इन्होंने दिल्ली की भारतीय विद्यापीठ विश्वविध्यालय में दाखिला लिया और वहां से बीटेक में स्नातक की डिग्री हासिल की।
सौरभ पढ़ाई-लिखाई में हमेशा अव्वल रहे है, एक अच्छी स्नातक की डिग्री और प्रतिभा के बदोलत वर्ष 2011 में इन्हें रक्षा मंत्रालय की बैंगलोर स्थित भारत इलेक्ट्रोनिक्स में बतौर सीनियर डिजाइन इंजीनियर की नौकरी मिली, लेकिन यदि आपके खयाल आसमान जितने ऊँचे हो तब उच्च पद और अच्छी नौकरी भी उसके सामने छोटी लगने लगती है।
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समय का बेहतर नियोजन कर यूं की तैयारी (IAS Success Story)
सौरभ ने चरखी दादरी के एपीजे स्कूल से 12वीं करने के बाद नई दिल्ली में भारतीय विद्यापीठ से बीटेक किया। इसके बाद बैंगलोर में इंजीनियर की नौकरी लग गई। नौकरी के दौरान सिविल सर्विस की प्राथमिक परीक्षा उत्तीर्ण की। लेकिन उसके बाद फिसलकर गिरने से हाथ को चोट लग गई।
हालांकि चोट के कारण डॉक्टर ने तीन महीने का रेस्ट बताया था, जिससे छुट्टियां करनी पड़ीं। लेकिन सौरभ स्वामी ने नौकरी के दौरान मिली उन छुट्टियों को अवसर माना और सिविल सर्विस की मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। वहां विभिन्न इंस्टीट्यूट्स में तीन महीने तक समय का बेहतर नियोजन किया। मेहनत का परिणाम यह निकला कि 2014 में पहले प्रयास में परीक्षा फतेह की और 2015 के बैच में आईएएस हो गए।
पिता से मिली जुझारूपन की प्रेरणा (IAS Success Story)
सौरभ की माता पुष्पा स्वामी बीएड हैं और उनके पिता 8वीं तक पढ़े हैं लेकिन सौरभ ने मेहनत की और पहले इंजीनियर बने फिर आईएएस। वह अपनी सफलता के पीछे अपने पिता को प्रेरणा मानते हैं जिनके जुझारूपन से वह हमेशा सीखते रहे।
सौरभ स्वामी राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं और उनकी पाली जिले में ट्रेनिंग हुई जिसके बाद वो प्रतापगढ़, गंगानगर में भी कार्यरत रहे। फिलहाल फरवरी 2020 से वह राजस्थान के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय और सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के डायरेक्टर का पद संभाल रहे हैं।
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आईएएस सौरभ स्वामी पत्नी (Sourabh Swami IAS Wife)
सौरभ स्वामी राजस्थान कैडर के आईएएस अफसर हैं। फिलहाल श्रीगंगानगर में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पद पर तैनात हैं (DM Sriganganagar). उन्होंने 2017 में राजस्थान की RJS अनुभूति स्वामी से शादी की थी। सौरभ स्वामी की मां पुष्पा स्वामी ने बीएड किया था। वहीं सौरभ के पिता अशोक स्वामी आठवीं पास हैं। सौरभ दो बहनों के इकलौते भाई हैं। उनके पिता चाहते थे कि सौरभ जीवन में कुछ बड़ा करके दिखाएं। उन्होंने आईएएस अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा कर दिया।