IAS Success Story: हर साल लाखों उम्मीदवार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में शामिल होते हैं। यूपीएससी को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसके लिए उम्मीदवार को दिन रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। हालांकि, इसके बाद भी सफलता सुनिश्चित नहीं होती है। ऐसे में कई बार असफलता देखने के बाद कई युवाओं का हौसला टूट जाता है।
इसी बीच उम्मीदवार अपनी असफलताओं से सीखकर सफलता के शिखर तक पहुंचने का रास्ता तय करते हैं। आज हम आपको अरूणाचल प्रदेश की यशनी नागराजन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने नौकरी के साथ-साथ चौथे प्रयास में 57 रैंक पाकर IAS बनने का सपना पूरा किया। आइए जानते है आईएएस यशनी नागराजन (IAS Yashni Nagarajan) की सफलता के बारे में….
यशनी नागराजन का परिचय
यशनी नागराजन मूल रूप से तमिलनाडू की रहने वाली हैं। हालांकि, उनका जन्म और परवरिश अरूणाचल प्रदेश में हुई। स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, नाहरलगुन (आंध्र प्रदेश) से हुई है। यशनी नागराजन (Yashni Nagarajan) ने अपनी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी की और टाइम मैनेजमेंट (Time Management) करके परीक्षा में सफलता पाई। यशनी की स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, नाहरलगुन (आंध्र प्रदेश) से हुई है। उनके पिता थंगावेल नागराजन रिटायर्ड इंजीनियर (Retired Engineer) हैं जबकि उनकी मां भी नौकरी से रिटायर हो चुकी हैं। वहीं, उनके छोटे भाई ने आईआईएम इंदौर (IIM Indor) से अपनी पढ़ाई की है।
पढ़ाई के बाद RBI में लगी नौकरी (IAS Success Story)
यशनी की पढ़ाई के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी लग गई। हालांकि, उनके परिवार ने उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। ऐसे में वह सिविल सेवा की भी तैयारी करती रही।
पहले प्रयास में हुई फेल
यशनी नागराजन ने जब अपना पहला प्रयास किया, तो वह फेल हो गई। हालांकि, वह निराश नहीं हुई, बल्कि दूसरे प्रयास के लिए पढ़ना शुरू कर दिया। इस बार उन्होंने परीक्षा दी और मेंस की परीक्षा को पास कर लिया। हालांकि, वह इंटरव्यू में नहीं पहुंच सकी।
तीसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची
यशनी नागराजन ने अपना तीसरा प्रयास किया और इस बार वह यूपीएससी सिविल सेवा के इंटरव्य तक पहुंची। हालांकि, यहां पहुंचने के बाद भी उनका आईएएस बनने का सपना पूरा नहीं हो सका। ऐसे में उन्होंने फिर से तैयारी करना का निर्णय लिया।
चौथे प्रयास में पाई सफलता
सिविल सेवा परीक्षा के पिछले तीन प्रयासों में आईएएस न बन पाने की वजह से उन्होंने अपनी तैयारी को और धार देना शुरू कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने चौथा प्रयास किया और उसमें सफलता पाई। आईएएस यशनी बताती हैं कि बैंक की नौकरी के साथ वह हर रोज 4 से 5 घंटे तक पढ़ती थीं। उनका कहना है कि छुट्टी वाले दिन वह पढ़ाई के लिए अधिक समय निकाल लेती थीं। उन्होंने अपना चौथा प्रयास किया और इंटरव्यू में जगह बनाते हुए वह सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुई। उन्होंने 57 रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया था।
यूपीएससी परीक्षा में 57वीं रैंक किया हासिल
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब यशनी यूपीएससी की तैयारी कर रही थी तो वह फुल टाइम नौकरी में थी। उन्होंने वर्ष 2019 में ऑल इंडिया 57वीं रैंक हासिल करके आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा किया। हालांकि, शुरुआती तीन प्रयास में वे विफल रहीं, लेकिन उन्होंने अपने चौथे प्रयास में न केवल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की बल्कि टॉपर्स में भी जगह बनाई। साथ ही, इसके पीछे का कारण बेहतर समय प्रबंधन था। नागराजन के मुताबिक यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ना जरूरी नहीं है। आपको बस बेहतर समय प्रबंधन के साथ कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
यूपीएससी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए सुझाव (IAS Success Story)
यशनी के अनुसार, निबंध और नैतिकता (Ethics) वे पेपर हैं जिनमें आप उच्चतम स्कोर कर सकते हैं। इसलिए इन विषयों को महत्व देना बहुत जरूरी है। वह कहती हैं कि नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी करना मुश्किल है लेकिन इससे आपको फायदा होगा। जब आपके पास पहले से ही नौकरी है तो यूपीएससी में फेल होने पर भी आप तनाव महसूस नहीं करेंगे। आप अपने करियर को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करते हैं। आप कड़ी मेहनत और बेहतर टाइम मैनेजमेंट के साथ आईएएस या आईपीएस अधिकारी बन सकते हैं।