Gulkand Kaise Banta Hai: गुलाब के फूल में पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे कई तत्व मौजूद होते हैं। गुलाब के फूल से बनने वाला गुलकंद न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि सेहत को भी कई तरह से फायदे पहुंचाता है। बात करें पान की तो मीठा पान सभी को पसंद आता है। वैसे तो इसमें कई चीजें डलती हैं लेकिन अहम किरदार पान के पत्ते और गुलकंद का होता है। ‘गुल’ माने गुलाब और ‘कंद’ का मतलब मीठा होता है। इन दोनों शब्दों से मिलकर बनता है ‘गुलकंद’। गुलकंद का उपयोग पान, आइसक्रीम और कप केक जैसे पकवानों को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। गर्मियों में पेट ठंडा रखता है जिससे मुंह के छालों की समस्या नहीं होती। इसके अलावा गुलकंद के सेवन से चेहरे की चमक भी बढ़ती है।
चीनी और गुलाब की पंखुड़ियों से मिलकर बनने वाला गुलकंद स्वादिष्ट होता है। और हां, यह टेक्सचर में चिपचिपा जैम या मुरब्बे की तरह दिखता है। अगर आपने कभी गुलकंद बनते नहीं देखा तो इस वीडियो के माध्यम से देख सकते है। सोशल मीडिया पर एक व्लॉगर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आप मात्र 3 मिनट में देख लेंगे कि आखिर यह गुलकंद बनता कैसे है।
यहां देखें वीडियो (Gulkand Kaise Banta Hai)…
कैसे तैयार किया जाता है गुलकंद? (Gulkand Kaise Banta Hai)
इस वीडियो में शख्स बता रहा है कि यहां दो क्विंटल (200 किलो) गुलाब से गुलकंद बनाया जा रहा है। गुलकंद बनाने के लिए सबसे पहले गुलाब की ताजी पंखुड़ियां को लिया जाता हैं। गुलकंद के लिए पुष्कर का गुलाब सबसे बेस्ट माना जाता है। शख्स ने सबसे पहले गुलाब की पंखुड़ियों को फुल से अलग किया जाता है। इसके बाद प्लास्टिक के टब में गुलाब की पंखुड़ियों में चीनी (भूरा) डालकर हाथों से ऐसे मिलाया जाता है कि दोनों मिलकर एक हो जाएं। इसके बाद गुलाब और चीनी के मिक्सचर स्टील के कंटेनर में डाला जाता है। फिर इस मिश्रण को करीब दो महीने के लिए छोड़ दिया जाएगा, जिसके बाद गुलकंद तैयार हो जाएगा।
गुलकंद के से होने वाले फायदे
- गुलकंद मुंह में होने वाले छालों को दूर करता है, जो आमतौर पर उन लोगों को होते हैं, जिनके शरीर में ज़्यादा गर्मी होती है।
- गुलकंद आयरन से भरपूर होता है। यही वजह है कि पीरियड्स के समय महिलाओं को इसके सेवन से भारी रक्तस्राव, सफेद स्राव और यहां तक कि मासिक धर्म में ऐंठन में भी आराम मिलता है।
- गुलकंद पाचन में मददगार साबित होता है और कब्ज़ से छुटकारा दिलाता है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल पान में किया जाता है और खाने के बाद इसे खाया जाता है।
- गुलकंद सीने में जलन और एसीडिटी का भी इलाज करता है। क्योंकि यह सही पाचन में मदद करता है, जिससे व्यक्ति की सभी पाचन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
- यह बवासीर या रक्तस्रावी बवासीर के इलाज के लिए उपयोगी हो सकता है, जो आमतौर पर पुराने कब्ज़ के कारण होता है।