
Farming Business Ideas: हमारा भारत देश कृषि में सबसे आगे है। इस देश की अधिकांश आबादी खेती से जुड़ी हुई है। किसान खेतों के बड़े हिस्से में गेहूं, धान, मक्का, दलहन, तिलहनी फसलों की बुवाई कर अपना जीवनयापन करते हैं। जानकारों का कहना है कि कमाई के लिए किसानों को थोड़ी सूझबूझ और तकनीक से खेती करने की जरूरत है।
किसानों को पारंपरिक खेती करने के साथ ही अन्य खेती पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे किसान बेहद आराम से लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। इन्हीं में से एक है मालाबार नीम की खेती। यह पेड़ कुछ ही सालों में अच्छी खासी आमदनी करा सकते हैं। यही कारण है कि इस खेती का प्रचलन बढ़ रहा है।
इस तरह उपयोग में आता है पेड़ (Farming Business Ideas)
ये मालाबार नीम के पौधे 5 साल में ही इमारती लकड़ी देने लगते हैं। मालाबार नीम की बुवाई मार्च और अप्रैल में की जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि खेत ढाई एकड़ का है तो 2 से ढाई हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। वहीं खेत की लंबाई-चौड़ाई 4 एकड़ है तो 5000 पौधों को लगाया जा सकता है। मालाबार नीम बुवाई के 3 साल बाद कागज, कुर्सी-मेज, सोफा और माचिस की तिलियां बनाने के काम आता है। 5 साल बाद प्लाईवुड और 8 साल बाद इसका इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में किया जाता है। जैसे-जैसे पेड़ की उम्र बढ़ती है। ऐसे ऐसे ही कमाई भी बढ़ जाती है।
इसकी सबसे खास बात ये है कि इन्हें ज्यादा खाद-पानी की जरूरत नहीं रहती है और इसे दूसरी फसलों के साथ भी लगाया जा सकता है। मालाबार नीम की लकड़ी कई काम में आती है। इस लकड़ी का उपयोग पैकिंग करने, माचिस की तीली बनाने, कुर्सी-मेज, सोफा बनाने समेत अन्य कामों में भी किया जाता है
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इस तरह करें कमाई (Farming Business Ideas)
8 साल बाद मालाबार नीम के पेड़ों को बेचकर पैसा कमाया जा सकता है। 4 एकड़ में इसकी खेती कर 50 लाख रुपए तक की कमाई करना संभव है। एक पेड़ का वजन डेढ़ से दो टन के बीच होता है। एक क्विंटल का बाजार मूल्य कम से कम 500 रुपये है। अगर एक पौधा 6000-7000 रुपये में भी बेचा जाता है, तो किसान आसानी से लाखों रुपये कमा सकते हैं। आपको करोड़ों की कमाई शुरू होने में देर नहीं लगेगी।
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बुवाई के लिए इस मिट्टी का उपयोग (Farming Business Ideas)
मालाबार नीम की खेती के लिए सही मिट्टी का चयन भी जरूरी है। जैविक खाद से भरपूर रेतीली दोमट मिट्टी मालाबार नीम की खेती के लिए बेहतर होती है। लैटराइट लाल मिटटी में भी मालाबार नीम की अच्छी पैदावार होती है। यदि बजरी से भरी उथली मिटटी में मालाबार नीम की बुवाई करने की सोच रहे हैं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसी मिट्टी में मालाबार नीम का पेड़ विकास नहीं कर पाता है।
इस तरह करें पौधे की रोपाई
खेत में रोपाई करते समय पौधों के बीच की दूरी का ख्याल रखा जाना बेहद जरूरी है। रोपाई करते समय दो फीट चौड़ाई और डेढ़ फीट गहराई रखें। दोनों पौधों के बीच की दूरी 8 फीट होनी चाहिए। जैविक और अच्छे फर्टिलाइजर का प्रयोग ही खेती के लिए करना चाहिए। यदि जगह कम है तो इन्हें 5 फीट की दूरी पर भी लगाया जा सकता है। वहीं, नर्सरी में रोपाई कर पौध तैयार करना चाहते हैं तो मार्च और अप्रैल में इसकी रोपाई की जानी चाहिए। साफ और सूखे बीजों को नर्सरी में 5 सेंटीमीटर की दूरी पर ड्रिल की गई लाइनों में बोना चाहिए। रेत बिल्कुल न डालें। इसमें बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं। मिटटी और खाद का प्रयोग कर बीजों की बुवाई करें।