Chhinmastika Mata Mandir: दस महाविद्या की देवी छिन्न मस्तिष्का माता का देश में दूसरा मंदिर मध्यप्रदेश के बैतूल में है। पहला मंदिर झारखंड के रद्दूरप्पा में स्थित है। सोमवार को छिन्न माता मूर्ति स्थापना का छटवां साल है। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मंदिर में धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। शाम को महिलाओं के द्वारा भजन कीर्तन किया जाएगा। इसके साथ ही आरती और प्रसादी वितरण का आयोजन भी किया जाएगा।
मंदिर के पुजारी का कहना है कि 10 अप्रैल 2017 में बैतूल के काशी तालाब पर छिन्न मस्तिष्का माता की मूर्ति की स्थापना की गई थी। यहां पर बड़ा सुंदर मंदिर बनाया गया है। मूर्ति के स्थापना के 6 साल पूरे हो गए हैं। यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पुजारी का कहना है कि श्रद्धालु अपनी जटिल समस्या लेकर आते हैं और माता के सामने श्रद्धाभाव से मत्था टेकने के बाद अर्जी लगाते हैं तो उनकी समस्याओं का निराकरण हो जाता है और मन्नतें पूरी हो जाती हैं।
पुजारी का कहना है कि जिनकी मन्नत पूरी होती है वे माता के दरबार में आकर पूजा अर्चना कर अपना आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने बताया कि माता की पूजा बहुत ही गोपनीय है जिसे सार्वजनिक नहीं किया जाता है। माता को मेवा, मिष्ठान का प्रसाद चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद को चढ़ाने से माता श्रद्धालु की पूजा से खुश हो जाती हैं। मंदिर में प्रतिदिन चार बार आरती होती है। सुबह, दोपहर, संध्या और रात्रि आरती के बाद माता के मंदिर के पट बंद होते हैं। उन्होंने बताया कि आज स्थापना दिवस को लेकर छिन्न मस्तिष्का माता की विशेष पूजा अर्चना की गई। (Chhinmastika Mata Mandir)