▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन सिर्फ इसलिए कराया जा रहा है कि मजदूरों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके और उन्हें पलायन को मजबूर ना होना पड़े। इसके विपरित जिले में कई जगह पंचायतें और अन्य सरकारी विभागों द्वारा मशीनों से कार्य करवा कर मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है। खास बात यह है कि ऐसे मामले सामने आने पर भी जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इससे उनके हौसले बुलंद हैं।
बैतूल जिले के भैंसदेही विकासखंड की ग्राम पंचायत केरपानी में 55 लाख रूपये की लागत से ग्राम के समीप ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) द्वारा अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें पोकलेन, जेसीबी मशीनों और दर्जनों ट्रैक्टरों से कार्य किया जा रहा है। अमृत सरोवर के निर्माण कार्य में भी लाल मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है।
पडल के कार्य में भी नियमानुसार काली मिट्टी नहीं डाली गई। निर्माणकर्ताओं ने सिर्फ दिखावे के लिए मिट्टी डाल दी गयी है। अमृत सरोवर के इस कार्य को आनन् फानन में जल्दी-जल्दी कराया जा रहा है। जिससे यह कार्य में लीपापोती स्पष्ट झलक रही है। इस विषय में निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के इंजीनियर से चर्चा की गयी तो उन्होंने कहा कि उच्च स्तर से ही मशीनें चलायी जा रही है।
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इतना ही नहीं उनका यह कहना भी था कि केरपानी का अमृत सरोवर ही नहीं बल्कि सब दूर सरोवर के कार्य में मशीनें ही चल रही है। इस तरह यह साहब अन्य जगह पर भी मशीनें चलाये जाने की गारंटी दे रहे हैं। इधर ग्रामीणों का कहना है कि जो मिट्टी खुदाई का कार्य मशीनों से हो रहा है वह मजदूरों से कराया जाना था। एक ओर जहां मशीनों से काम हो रहा है वहीं सैकड़ों ग्रामीण बेरोजगार घूम रहे हैं।कार्य स्थल पर जानकारी का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है।ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस से उचित कार्यवाही की मांग की है। (Betul Samachar)