Betul Samachar: (बैतूल)। एक 14 वर्षीया अवयस्क बालिका का अपहरण कर उसके साथ बार-बार बलात्कार करने वाले आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 7 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है। अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल ने आरोपी सरवन पिता शेरसिंह धुर्वे, उम्र 26 वर्ष, निवासी-थाना शाहपुर को यह सजा सुनाई है। खास बात यह है कि पीड़िता अपने आरोपों से मुकर गई थी, लेकिन डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को सजा सुनाई गई।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी सौरभ सिंह ठाकुर ने बताया कि आरोपी को धारा 376(2)(एन) भादवि में 20 वर्ष कठोर कारावास व 5,000रू. जुर्माना, धारा 366 भादवि में 5 वर्ष कठोर कारावास व 1,000रू. जुर्माना एवं धारा 363 भादवि में 03 वर्ष कठोर कारावास व 1,000रू. जुर्माना से दंडित किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी एसपी वर्मा एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ओमप्रकाश सूर्यवंशी द्वारा पैरवी कार्य किया गया।
घटना का विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता की बहन ने 02 अप्रैल 2019 को पुलिस थाना शाहपुर में रिपोर्ट लेख कराई कि वह परतवाड़ा गई हुई थी। घर आई तो उसके पति ने उसे बताया कि उसके मामा की लड़की पीड़िता 01 अप्रैल 2019 को घर से करीबन 11 बजे बिना बताये कहीं चली गई। पीड़िता बचपन से ही उनके पास रहती थी। पीड़िता की तलाश आसपास व रिश्तेदारों में पता करने पर पीड़िता का कुछ पता नहीं चला।
पीड़िता की बहन ने किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसे बहला-फुसलाकर, भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा अनुसंधान प्रारंभ किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब कर उसकी बहन फरियादी को सुपुर्द किया।
पीडिता के धारा 161 एवं 164 के कथन लिये गये। जिसमें उसने बताया कि आरोपी सरवन उसे बहला-फुसलाकर नागपुर ले गया था और उसके साथ बार-बार बलात्कार करना बताया। परंतु विचारण के दौरान न्यायालय में पीड़िता ने आरोपी के द्वारा बलात्कार किये जाने के संबंध में कथन नहीं किये।
विवेचना के दौरान पीडिता का मेडिकल परीक्षण कराया गया था, अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। पुलिस थाना शाहपुर द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दंडित किया गया।
न्यायालय में पीड़िता रही पक्षविरोधी
न्यायालय में विचारण के दौरान पीड़िता ने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया एवं उसके साथ बलात्कार की घटना होने से इंकार किया। परंतु अनुसंधान के दौरान पुलिस अधिकारी द्वारा तैयार किए गये दस्तावेजों एवं संकलित की गयी वैज्ञानिक साक्ष्य डीएनए रिपोर्ट के आधार पर पीड़िता के साथ आरोपी द्वारा शारीरिक संबंध बनाये जाना प्रमाणित हुआ।
उम्र संबंधी दस्तावेजों के आधार पर पीड़िता 14 वर्ष की आयु की बालिका होना अभियोजन द्वारा प्रमाणित किया गया। प्रकरण में पीड़िता के द्वारा पक्ष समर्थन न किये जाने पर भी पीड़िता के साथ आरोपी के द्वारा बनाये गये शारीरिक संबंध के लिए आरोपी सरवन को दोषी पाकर न्यायालय द्वारा दंडित किया गया है।