Betul Ramnavmi Parv : प्राचीन खेड़ला किला में हुआ अति शतचंडी महायज्ञ, प्राचीर पर लहराया 51 फीट ऊंचा भगवा ध्वज

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बैतूल में रामनवमी पर निकली ऐतिहासिक शोभायात्रा, हजारों भक्त हुए शामिल, भजनों पर जम कर थिरके जनप्रतिनिधि

Betul Ramnavmi Parv : प्राचीन खेड़ला किला में हुआ अति शतचंडी महायज्ञ, प्राचीर पर लहराया 51 फीट ऊंचा भगवा ध्वज

▪️ लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल)

Betul Ramnavmi Parv : जिला मुख्यालय बैतूल से सात किमी दूर बैतूल-आमला मार्ग से सटे खेड़ला किले में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भक्ति की बयार बही। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महंत जमातीया बलरामपुरी नागा बाबा के सानिध्य में विशाल यज्ञशाला में पं. राजू जोशी के पांडित्य में अष्टमी के दिन प्रारंभ हुए अति शतचंडी महायज्ञ का समापन शुक्रवार को पूर्णाहुति, कन्याभोज एवं पुन: रामनवमी के दूसरे दिन भी विशाल भंडारे के साथ किया गया।

पवित्र चैत्र नवरात्र में अष्टमी के दिन से ही प्राचीन शिव मंदिर खेड़ला किला में अखंड रामायण के पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के ग्राम की रामायण मंडलियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। अखंड रामायण का समापन तीनों लोकों के पालनहार प्रभु श्री राम जी के जन्मोत्सव के शुभ अवसर रामनवमी पर भंडारे के साथ हुआ। दो दिन चले भंडारे में सैकड़ों राम भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।

खेड़ला किले को राजा ईल द्वारा बनाया गया था। खेड़ला किले में 1365 में राजा हरदेव और 1398 में नरसिंह राय थे। मुगल साम्राज्य के पतन के बाद यह राज्य राधोजी भोंसले के अधिकार में चला गया। बुरहान शाह और उसके भाई के आपस में झगड़े का फायदा भोंसले ने उठाया और खेड़ला पर कब्जा कर लिया। उसने अपनी राजधानी खेड़ला को बनाया। सन् 1818 ई. में सीताबर्डी की लड़ाई में अंग्रेजों ने भोंसले से खेड़ला छीन लिया। कभी अपने वैभव और समृद्धि के लिए जाना जाने वाला खेड़ला का किला आज अपनी दुर्दशा पर चीख-चीख कर आंसू बहा रहा है।

खेड़ला किला स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी शिवम साबले ने बताया कि रामनवमी के शुभ अवसर पर किले की प्राचीर पर 51 फीट ऊंचा भगवा ध्वज, पूजन के पश्चात स्थापित किया गया। इस अवसर पर आसपास के क्षेत्र के ग्रामीण जनो ने उपस्थित होकर मंदिर से ऊपर किले तक हाथ में धर्म ध्वजा लिए राम नाम का जप करते, जयघोष के साथ शोभायात्रा निकाली। पूजन के पश्चात स्थापित 51 फीट ऊंचे टावर पर भगवा ध्वज फहराया गया।

इस अवसर पर पंडित राजू जोशी ने कहा कि भगवा रंग उगते सूर्य एवं अग्नि की ज्वाला का रंग है। उगते सूर्य का रंग ज्ञान और वीरता का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए हमारे पूर्वजों ने भी भगवा ध्वज को पवित्र माना था। इसीलिए ही सनातनी भगवा ध्वज को अपना प्रेरणास्रोत मानकर अपने घरों पर आदर पूर्वक लगाते हैं। हमारे आराध्य प्रभु श्री राम और भगवान कृष्ण सहित अर्जुन एवं अन्य योद्धाओं छत्रपति शिवाजी के द्वारा भी अपने रथ पर भगवा ध्वज लगाया जाता था। इसके पीछे मान्यता यह भी थी कि झंडे के जरिए यश, कीर्ति, विजय और पराक्रम दूर-दूर तक फैलेगा।

Betul Ramnavmi Parv

शांति हेतु चंडी यज्ञ का विशेष महत्व : बलरामपुरी नागा बाबा

खेड़ला किला में हुए अति शतचंडी यज्ञ की महिमा का वर्णन करते हुए नागा बाबा ने बताया कि अति शतचंडी यज्ञ को सनातन धर्म में बेहद शक्तिशाली वर्णित किया गया है। इसमें भाग लेकर भक्तों को मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि यज्ञ कर्म को मनुष्यों एवं देवताओं के परस्पर कल्याण हेतु होना आवश्यक है, क्योंकि देवताओं को भोजन यज्ञ से प्राप्त होता है।

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देवताओं का प्रसन्न होना ही मानव कल्याण है। इसलिए यज्ञ को अति उत्तम माना जाता है। उन्होंने कहा कि यज्ञ का आयोजन अपद्रवों के विनाश के लिए, सुख-लाभ-जय मनोकामना की पूर्ति, विश्व शांति एवं कल्याण हेतु अति शतचंडी यज्ञ का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए ही इस शतचंडी महायज्ञ का अनुष्ठान किया गया है। इस महायज्ञ के बाद आसपास का वातावरण आनंदित हो उठता है।

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रंग रोगन से चमक उठा शिव मंदिर एवं किले की सीढ़ियां

प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी शिवम साबले ने बताया कि रामनवमी को लेकर एक माह पूर्व से ही यहां तैयारियां चल रही थी। आसपास के ग्रामीणों के सहयोग से साफ सफाई एवं मंदिर के रंग रोगन का कार्य किया गया। किले पर जाने वाली सीढ़ियों की सफाई करके उन्हें भी रंग रोगन किया गया है। किले के ऊपरी हिस्से में स्थित व्यू प्वाइंटों की भी साफ सफाई करके रंग रोगन का कार्य किया गया है।

अब ऊंचाई से निहार सकेंगे प्रकृति का सौंदर्य

इन व्यू प्वाइंटों में काटीदार झाड़ियां, पेड़ पौधे उगने से घूमने आने वाले लोग ऊंचाई से प्रकृति को नहीं निहार पाते थे। अब साफ सफाई होने से किले का स्वरूप बदल गया है। किले के टॉप से बैतूल शहर को अब देखा जा सकता है। ज्ञात हो कि यहां प्रति सोमवार संध्याकालीन शाम 7 बजे महाआरती एवं भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें आसपास के दर्जनों ग्राम के ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं एवं प्रसादी पाते हैं। पुजारी ने यहां घूमने वाले आने वाले लोगों से अपील की है कि कृपया यहां पर कचरा पॉलिथीन ना फैलाएं साथ ही सभी सहयोगियों का आभार भी व्यक्त किया।

शोभायात्रा में थिरके जनप्रतिनिधि, झांकिया रहीं आकर्षण का केन्द्र (Betul Ramnavmi Parv)

बैतूल में श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी के अवसर पर प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय हिन्दू सेना द्वारा भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा के पूर्व गेंदा चौक पर महाआरती हुई। महाआरती के बाद शोभा यात्रा प्रारंभ हुई जो करगिल चौक, अम्बेडकर चौक होते हुए लल्ली चौक पहुंची। जहां राम मंदिर में पूजन हुआ। लल्ली चौक पर भी महाआरती के बाद शोभा यात्रा का समापन हुआ। शोभायात्रा में डीजी और बैंड-बाजे की धुन पर हजारों भक्त शामिल होकर नृत्य करते रहे। गेंदा चौक पर रामभक्तों ने सैकड़ों की संख्या में खप्पर आरती की। जिसमें प्रमुख रूप से पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला, नागरिक बैंक अध्यक्ष अतीत पवार ने भगवान श्रीराम की आरती की।

Betul Ramnavmi Parv : प्राचीन खेड़ला किला में हुआ अति शतचंडी महायज्ञ, प्राचीर पर लहराया 51 फीट ऊंचा भगवा ध्वज

जनप्रतिनिधि भी जम कर झूमे

माहौल धर्ममय हो तो उसका अलग ही आनंद होता है। ऐसे में जनप्रतिनिधि भी अपने आप को भगवान की भक्ति से रोक नहीं पाए। सांसद डीडी उइके, पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला, जिला पंचायत सदस्य शैलेन्द्र कुंभारे, नागरिक बैंक अध्यक्ष अतीत पवार, गंज मंडल अध्यक्ष विकास मिश्रा, कोठी बाज़ार भाजपा मंडल अध्यक्ष विक्रम वैघ, जिला महिला मोर्चा मंत्री माधुरी साबले, भाजपा नेता संजू सोलंकी, अंशुल राजपूत, सागर शेषकर जमकर भजनों पर थिरके। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पार्वती बारस्कर भी मौजूद रहीं।

झांकियां रहीं आकर्षण का केन्द्र

शोभायात्रा में झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही। इसके अलावा दो राम मंदिर, भगवान श्री राम की 12 फीट की मनमोहक प्रतिमा, बजरंग बली की 7 फीट की प्रतिमा, वानर सेना, लोकनृत्य दल भी शोभायात्रा में शामिल हुए। जय हनुमान व्यायाम शाला गंज के पहलवानों ने हैरत अंगेज प्रस्तुति से उपस्थित लोगों का मनोरंजन किया। इस दौरान गेंदा चौक पर भंडारा भी आयोजित किया गया। शोभायात्रा का जगह-जगह आत्मीय स्वागत हुआ।

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