
▪️मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
बैतूल जिले के भैंसदेही विकासखंड की ग्राम पंचायत बोरगांव के लायवानी गांव में 29 जून की शाम अपने घर के पीछे बाड़ी में बैठकर मोबाइल चला रहे एक बालक को सांप ने डंस दिया। इससे बच्चे की मौत हो गई। वहीं परिजन पुलिस को सबूत दिखाने के लिए सांप को एक डिब्बे में बंद करके रखे रहे। उधर घोड़ाडोंगरी में एक बच्चे को सांप के डंसने पर परिजन उसके सिर पर पत्थर रख कर उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। मान्यता है कि इससे जहर नहीं चढ़ता है।
जानकारी के अनुसार ग्राम लायवाणी निवासी रमेश मौसिक के 10 वर्षीय पुत्र दीपक को बाड़ी में जहरीले सांप ने काट लिया। इतना ही नहीं सांप ने एक बार काटने के बाद दोबारा भी दीपक को काट लिया। परिजन दीपक का उपचार कराने वाहन से दीपक को ले जाने लगे, लेकिन इस बीच दीपक ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
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इस पर परिजनों ने उसे घर वापस ला लिया। डंसने के बाद सांप को भी पकड़ लिया था। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने उस सांप को एक डिब्बे में सिर्फ इसलिए बंद कर रखा कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और पुलिस को प्रमाण के लिए वह जहरीला सांप दिखला सके।
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आज दोपहर को झल्लार से पुलिस और पीएम करने डॉक्टर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि सांप को डिब्बे में कैद कर रखा है। उन्होंने मौके पर ही पीएम कर शव परिजनों को सौंप दिया। इधर ग्रामीणों ने कैद किये उस कोबरा सांप को डिब्बे से बाहर कर मार दिया ताकि और कोई उसका शिकार ना बने।
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सर्पदंश पीड़ित को सिर पर पत्थर रख लाए अस्पताल
उधर घोड़ाडोंगरी के बाजारढाना में बीती रात 9 साल के एक बालक को सांप ने काटा लिया था। जिससे बालक की तबीयत बिगड़ने लगी। यह देख ग्रामीणों ने जहर फैलने से रोकने उसके सिर पर पत्थर रख कर घोड़ाडोंगरी अस्पताल पहुंचाया। जहां पर बालक का इलाज चल रहा है। सिर पर पत्थर रखने को लेकर ग्रामीणों के बीच ऐसी मान्यता है कि पत्थर सिर पर रखने से जहर नहीं फैलता है।
सालों से चली आ रही यह परंपरा
सर्पदंश पीड़ित बालक सोनू के पिता गोरा गडगाम ने बताया कि सांप काटने पर जहर फैलने से रोकने के लिए सिर पर पत्थर रखने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। बुजुर्गों ने बताया है कि जब सांप काटे तो सिर पर पत्थर रखने से जहर नहीं फैलता। इसलिए बालक के सिर पर पत्थर रखकर उसे अस्पताल लेकर आए।