Betul News: यह है बेमिसाल विकास! गले तक नदी की बाढ़ का पानी पार कर स्कूल जाने को मजबूर नौनिहाल

Betul News: This is an unprecedented development! Youngsters forced to cross neck-deep river flood water to go to school

Betul News: यह है बेमिसाल विकास! गले तक नदी की बाढ़ का पानी पार कर स्कूल जाने को मजबूर नौनिहाल

▪️ नवील वर्मा, शाहपुर

Betul News: प्रदेश भर में विकास के दावें तो इस कदर होते हैं कि ऐसा लगता है कि अब कहीं भी विकास की गुंजाइश ही नहीं बची। अब तो डबल इंजन के विकास का भी खूब ढोल पीटा जाने लगा है। बैतूल जिले के लिए भी यही दावें होते हैं। हाल ही में निकली विकास यात्रा में इस कथित विकास का खूब प्रचार प्रसार किया भी गया था।

कम से कम बैतूल जिले में तो यह यह विकास दूर दूर तक नजर नहीं आता है। यहां कभी बैतूल शहर के आसपास के गांवों से जान हथेली पर रखकर रोजाना नदी पार करते ग्रामीणों की तस्वीर सामने आती है तो कभी आदिवासी बहुल भीमपुर ब्लॉक के गांवों की। कुछ इसी तरह के हाल जिले के शाहपुर और चिचोली ब्लॉक के भी है। यहां बीजादेही क्षेत्र का ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह वीडियो है गले भर तक पानी और बाढ़ के बीच नदी पार करते स्कूली बच्चों का।

‘बैतूल अपडेट’ को आप पार्टी के नेता सुनील यादव ने यह वीडियो उपलब्ध कराया है। श्री यादव के अनुसार यह वीडियो शुक्रवार का है और इसे उन्होंने स्वयं बनाया है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत टांगनामाल से करीब आधा सैकड़ा बच्चे बीजादेही के हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ते हैं। उन्हें स्कूल जाने और फिर वापस आने के लिए मोरन नदी पार करना होता है। इससे बारिश के मौसम में तो रोजाना जान हथेली पर ही रखना होता है।

स्कूल लगते और छुट्टी के समय कई बार बारिश हो जाती है। ऐसे में नदी में बाढ़ आ जाती है। वैसे भी नदी में लगभग गले तक पानी रहता ही है। इस स्थिति में भी छोटे-छोटे बच्चों को जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ता है। इन खतरनाक परिस्थितियों में भी यहां ना पंचायत की ओर से कोई रहता है और न ही प्रशासन या स्कूल प्रबंधन की ओर से ही कोई मौजूद रहता है। सभी बच्चों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं।

समय बचाने उठाते हैं बच्चे खतरा

बच्चे अपना समय बचाने के लिए यह खतरा उठाते हैं। इस मार्ग से जाने पर टांगना से बीजादेही की दूरी मात्र दो किलोमीटर है। जबकि घूमकर आने में यह दूरी 12 किलोमीटर पड़ती है। यही कारण है कि बच्चे रोज यह खतरा उठाने को मजबूर होते हैं। यह बच्चों के लिए कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। लेकिन, लगता नहीं कि जनप्रतिनिधियों या अफसरों को इसकी जरा भी कोई फिक्र हो।

सीएम भी कर चुके घोषणा, नहीं हुआ अमल (Betul News)

ग्रामीण बताते हैं कि यहां पर पुल बनाने की बीते कई सालों से वे मांग कर रहे हैं। क्षेत्र के विधायक से लेकर सांसद तक को वे अपनी समस्या बता चुके हैं। अधिकारियों के समक्ष भी गुहार लगा चुके हैं पर कोई असर नहीं हुआ। यही नहीं बीजादेही में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए थे। उन्होंने तो यहां पुल बनाने की घोषणा भी कर दी थी। इसके बावजूद उनकी घोषणा पर भी अमल नहीं हो पाया, जबकि इस घोषणा को भी लंबा समय हो चुका है।

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