Betul Collector Action: बैतूल। स्वास्थ्य विभाग के एक लैब टेक्नीशियन को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के बाद लोकायुक्त द्वारा बैतूल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. सुरेश बौद्ध जाटव को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इस मामले में अभी उन्हें निलंबित नहीं किया गया है, लेकिन कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने उन पर एक बड़ी बंदिश लगा दी है। कलेक्टर श्री बैंस ने सीएमएचओ डॉ. जाटव द्वारा ट्रेजरी में पेश किए जाने वाले बिल पास करने पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों भौंरा के डॉक्टर महेश पाटनकर ने अपने निजी क्लीनिक के पंजीयन दस्तावेजों में अपने भतीजे डॉ. सागर पाटनकर का नाम जोड़ने सीएमएचओ द्वारा डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत लोकायुक्त से की थी। इस मामले में रिश्वत की राशि के 40 हजार रुपए लेते हुए लोकायुक्त टीम ने शाहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ एक लैब टेक्नीशियन को रंगे हाथ पकड़ा था। इस मामले में सीएमएचओ को मुख्य आरोपी लोकायुक्त ने बनाया है।
अभी शासन स्तर से सीएमएचओ के निलंबन की कार्यवाही नहीं की गई है। इसके चलते सीएमएचओ द्वारा अपने सभी कार्य पूर्ववत किए जा रहे हैं। उनके द्वारा विभिन्न कार्यों के भुगतान संबंधी बिल भी ट्रेजरी में प्रस्तुत कर उनका भुगतान भी कराया जा रहा है। यह मामला संज्ञान में आने पर कलेक्टर श्री बैंस ने उनके द्वारा ट्रेजरी में प्रस्तुत किए जाने वाले बिल पास करने पर रोक लगा दी है। अब उनके द्वारा प्रस्तुत कोई भी बिल ट्रेजरी से पास नहीं किया जाएगा।