NEET Success Story: पैसे नहीं थे तो बेचे मां के गहने, फिर किताबें खरीदकर बिना कोचिंग बनीं NEET टॉपर, भावुक करने वाली हैं रितिका पाल की कहानी
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NEET Success Story: नीट की परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test ) को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है। इसी कड़ी मेहनत के दम पर रितिका पाल ने NEET की परीक्षा में 3032रैंक (AIR) हासिल की और सफलता की इबादत लिख डाली।
इनकी कहानी आज लोगों के लिए प्रेरणादायक है। रितिका पाल आर्थिक रूप से अस्थिर पृष्ठभूमि से आती थीं, लेकिन उनके सपने हमेशा बड़े होते थे। अपनी नानी को खोने के गम से उबरते हुए, रितिका ने एक कैंसर स्पेशलिस्ट बनने का सपना देखा और उस यात्रा की दिशा में पहला कदम NEET परीक्षा पास करना और डॉक्टर बनना था। आइए जानते है सफलता की कहानी….
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NEET के कोचिंग के लिए नहीं थे पैसे
रितिका पाल पूर्वी दिल्ली के मोलरबंद इलाके में एक छोटे से परिवार से है। बता दे उनके पिता न्यूनतम वेतन पर एक कढ़ाई कारखाने में काम करते हैं जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं। रितिका के सपने बड़े थे, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए रितिका को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रितिका का परिवार आर्थिक रूप से स्थिर नहीं था और उन्हें गुजारा करने के लिए हर दिन संघर्ष करना पड़ता था। रितिका के माता-पिता के पास उसे दिल्ली में उचित निजी NEET कोचिंग में भेजने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, पांच लोगों का । इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान उसकी पढ़ाई में आए अंतराल ने उसे NEET क्रैक करने के उसके सपने से दूर कर दिया था।
गहने बेचकर खरीदी किताबें और एंड्रॉयड फोन
कहा जाता है कि शिक्षा कभी-भी व्यर्थ नहीं होती है और आप इसे कहीं से भी प्राप्त कर सकते हैं। जब रितिका ने 12वीं कक्षा में अच्छा स्कोर किया, तो उनके माता-पिता काफी खुश हुए थे। पढ़ाई इस लगन को देखकर, रितिका के माता-पिता ने पढ़ाई के लिए गहने बेच दिए। रितिका का कहना है कि जो गहने उनके माता-पिता ने उनकी शादी के लिए बचाकर रखे थे, उन्हें बेचकर किताबें और एंड्रॉयड फोन खरीद दिया।
ऐसे की नीट की परीक्षा की तैयारी
रितिका ने 500 अंक प्राप्त करके अनुसूचित जाति वर्ग के तहत 3,032 रैंक हासिल की है। अगर आप अपने सपनों को पूरा करने की चाह रखते हैं, तो किसी भी परेशानी का सामना कर सकते हैं। रितिका ने बताया कि उनके पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे और उन्होंने यूट्यूब से सभी टॉपिक्स की पढ़ाई की। इसके अलावा, जो किताबें उन्होंने एग्जाम के लिए खरीदी थीं, उनसे पढ़ाई की। रितिका ने बताया कि उनके स्कूल के टीचर और प्रधानाचार्य ने भी पढ़ाई में पूरी मदद की थी। रितिका के सभी अध्यापक उन्हें हमेशा पढ़ाई और नीट एग्जाम के लिए प्रेरित करते थे। रितिका को स्कूल की लाइब्रेरी का एक्सेस भी मिला था, जिससे उन्हें काफी मदद मिली।
कक्षा 12वीं में हासिल की 98 प्रतिशत अंक
रितिका ने कक्षा 12वीं की परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। वहीं NEET की परीक्षा में रितिका ने 720 में से 500 अंकों के साथ 3032 अखिल भारतीय रैंक (AIR) हासिल की और सफलता की इबादत लिख डाली। उन्होंने अपने माता-पिता के डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया।