Unique idea: यह ग्राम पंचायत 20 रुपये किलो खरीदेगी पन्नियां, महिला सरपंच की अनूठी पहल, लोग बोले- प्लानिंग हो तो ऐसी

 

◼️ नवील वर्मा, बैतूल अपडेट

Unique idea: सभी को यह पता है कि प्लास्टिक की पन्नियां न केवल इंसानों के लिए बल्कि जानवरों और हमारी धरती तक के लिए बेहद नुकसानदेह है। इस बात से सरकार भी वाकिफ है। यही कारण है कि इस पर सरकार ने न केवल प्रतिबंध लगाया है बल्कि समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई भी की जाती है। लगातार चेतावनियां भी दी जाती है।

सरपंच पद्मा कैलाश देशमुख
सरपंच पद्मा कैलाश देशमुख

यह बात अलग है कि इसके बावजूद आज तक न तो प्लास्टिक की पन्नियों का उत्पादन ही बंद हुआ और न ही इनका इस्तेमाल ही रूक पाया है। सरकार का प्रतिबंध और समय-समय पर चलाए जाने वाले अभियान भी महज रस्म अदायगी ही साबित होते हैं। प्रतिबंध को जमीनी स्तर पर अमली जामा पहनाने की जिन विभागों और अधिकारियों की जिम्मेदारी है, वे भी केवल औपचारिकता ही पूरी करते हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि यदि जिम्मेदार विभाग, संस्थाएं और अधिकारी-पदाधिकारी चाह ले तो प्लास्टिक की पन्नियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग सकता है। इसके लिए जरुरत है कुछ ठोस और सार्थक पहलों की। दुर्भाग्य की बात है कि ऐसी कोई सार्थक पहल अभी तक कहीं से भी होती नजर नहीं आई।

इन सबसे हटकर मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की मुलताई क्षेत्र की एक पंचायत और वहां की महिला सरपंच ने प्लास्टिक और इसकी पन्नियों पर पूरी तरह रोक लगाने एक अनूठी पहल की है। इस पहल के बाद उस पंचायत क्षेत्र में निश्चित रूप से प्लास्टिक की पन्नियों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगने की पूरी-पूरी उम्मीद नजर आ रही है।

यह ग्राम पंचायत है जौलखेड़ा ग्राम पंचायत। यहां की महिला सरपंच पद्मा कैलाश देशमुख ने प्लास्टिक मुक्त ग्राम बनाने के लिए यह तय किया है कि पंचायत द्वारा 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्लास्टिक की पन्नियां खरीदी जाएगी। यह निर्णय लेने के बाद उन्होंने ग्राम में मुनादी भी करवा दी है। प्लास्टिक की पन्नियां बेचने वाले ग्रामीणों को नकद राशि दी जाएगी।

अभी तक केवल प्लास्टिक की पन्नियों का इस्तेमाल न करने की अपीलें भर होती थी। इसके विपरीत जब इन्हें बेचने पर रुपये भी मिलने लगेंगे तो निश्चित रूप से लोग इन पन्नियों को फेंकने के बजाय जमा कर इन्हें ले जाकर पंचायत को बेचेंगे। इससे ग्राम में कहीं भी प्लास्टिक की पन्नियां नजर नहीं आएगी। सामान लाने के बाद पन्नियों को यहां-वहां फेंकेंगे नहीं बल्कि उन्हें जमा करके रखेंगे।

इस संबंध में सरपंच पद्मा कैलाश देशमुख का कहना है कि हमने देखा कि ग्राम में यहां-वहां पन्नियां पड़ी रहती है। इससे गंदगी भी फैलती है। यह पन्नियां मवेशी भी खा लेते हैं और बीमार पड़ते हैं। हम ग्राम को स्वच्छ रखना चाहते हैं। इसलिए हमने यह निर्णय लिया है कि 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पन्नियां खरीदेंगे। इसके बाद पंचायत द्वारा इन्हें नष्ट किया जाएगा क्योंकि वैसे यह पन्नियां स्वयं न नष्ट होती है और न गलती है।

 

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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