बोरगांव निवासी 55 वर्षीय ग्रामीण की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मृतक की हत्या बोरगांव के ही 2 सगे भाइयों ने जमीन संबंधी विवाद के चलते लोहे के पाइप और एयर गन पिस्टल से की थी। दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
झल्लार थाना में 21 जनवरी को रामरती कुमरे निवासी बोरगांव हाल ग्राम सिहार ने सूचना दी कि उसके पिता केजा कुमरे (55) विगत 10 जनवरी को सुबह 7 बजे घर से बोरगांव जाने का कहकर गये थे। वो आज तक वापस नहीं आये हैं। पिताजी की तलाश गांव में तथा रिश्तेदारी में की, लेकिन कोई पता नहीं चल रहा है। सूचना पर गुम इंसान पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। जांच के दौरान जानकारी मिली कि ढीमरा के खेत के पास गहरी खाई के गड्ढे में पत्थरों से छिपाकर रखा शव पड़ा है।
खाई में पत्थरों से ढंकी मिली लाश, हत्या की आशंका
थाना झल्लार की पुलिस तथा एसडीओपी भैंसदेही द्वारा गहरी खाई में पड़े शव को खाई से निकलवाकर बाहर लाया गया। सूचनाकर्ता रामरति ने शव उसके पिता केजा कुमरे का होना बताया। इस पर मामला जांच में लिया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिये गये। मर्ग जांच के दौरान पाया गया कि अज्ञात आरोपियों द्वारा केजा कुमरे की हत्या कर शव और साक्ष्य छिपाने के लिये मृतक केजा के शव को गहरी खाई में ले जाकर गड्ढे में पत्थरों से छिपाकर डाल दिया था।
अज्ञात पर हत्या का मामला दर्ज, एसपी ने किया मौका मुआयना
विवेचना के दौरान ग्राम बोरगांव के गोलू उर्फ ओमप्रकाश सरियाम तथा इसके भाई राहुल सरियाम से पूछताछ की गई। दोनों ने बताया कि जमीन संबंधी विवाद को लेकर दोनों भाइयों ने लोहे के पाईप और एयरगन पिस्टल से केजा की हत्या की थी। बाद में शव और साक्ष्य छुपाने के लिये गहरी खाई में पत्थरों से दबाकर छुपा दिया था। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त शस्त्र जप्त किये गये। आरोपियों को न्यायालय पेश किया जा रहा है। मामले के खुलासे में थाना प्रभारी दीपक पाराशर, उप निरीक्षक जीपी रम्हारिया, एएसआई शैलेन्द्र वर्मा, प्रधान आरक्षक अशोक तिवारी, विजेश रघुवंशी, सोनू काजले, मनोज पाल तथा राखी कुमरे की विशेष भूमिका रही।
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